जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमको दलदल से कोई अगर बाहर निकाल सकता है, तो वह पीएम मोदी हैं. वह जो फैसला करेंगे, मुल्क सपोर्ट करेगा. महबूबा ने कहा कि पहले वाले पीएम भी पाकिस्तान जाना चाहते, पर जुर्रत नहीं की. पीएम मोदी लाहौर गए, यह ताकत की निशानी है.
घाटी में बिगड़े हालात के मद्देनजर जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा का यह बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर के हालात ज्यादा बिगड़ते हैं, तो जम्मू और लद्दाक में भी इसका असर होगा. महिलाओं के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या 70 साल पुरानी है.
सीएम मुफ्ती ने कहा, ‘मेरे पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद और अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीर में शांति प्रक्रिया की शुरुआत की.’ उन्होंने कहा कि अब उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद इस दुनिया में नहीं रहे और वाजपेयी सरकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार सोचती थी कि कश्मीर में हालात सुधर रहे हैं, लेकिन अब यह बदतर हो गए हैं.
महबूबा ने कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कश्मीर में अशांति पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ पीएम मोदी ही कश्मीर समस्या का समाधान कर सकते हैं. मोदी का लाहौर जाना कमजोरी का नहीं, बल्कि एनडीए सरकार की ताकत का प्रतीक है. वहीं, जम्मू एवं कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने कहा कि सूबे में गठबंधन की सरकार होने की वजह से हालात नहीं बिगड़े हैं. घाटी में ये हालात काफी लंबे समय से हैं.
महबूबा के भाषण में कांग्रेस नेता ने डाली बाधा
कांग्रेस के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री गुलचैन सिंह चरक ने मुफ्ती के भाषण के दौरान बाधा भी पैदा की. महबूबा के भाषण शुरू करते ही वह जम्मू में मिनी सचिवालय बनाने की मांग करने लगे. जम्मू में किसी तरह के विकास कार्य नहीं होने के कांग्रेस नेता गुलचैन चरक के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा ने कहा कि जम्मू में कई पर्यटन स्थल हैं, जिनको विकसित करने की कोशिश की जा रही है.