क्या बीजेपी से दूरी बना लेंगी महबूबा मुफ्ती… एक कार्यक्रम में दिया यह कड़ा बयान

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नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी की सरकार है. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कश्मीर की समस्या को लेकर कई बार अपनी राय बेबाकी से रख चुकी हैं, वहीं केंद्र सरकार राज्य में आतंकवाद को काबू करने के लिए कड़े कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की, लेकिन कहा कि उनके लिए ‘भारत का मतलब इंदिरा गांधी’ हैं. राष्ट्रीय राजधानी में कश्मीर से संबंधित एक कार्यक्रम के दौरान महबूबा मुफ्ती ने कहा कि टेलीविजन के प्राइम-टाइम में जिस तरह के भारत को दिखाया जा रहा है उससे वह निराश हैं, क्योंकि यह भारत तथा कश्मीर के बीच की खाई को गहरा करता है.

उन्होंने कहा कि वह उस भारत को नहीं जानती, जिसे ‘उत्तेजित’ टेलीविजन चर्चाओं में दिखाया जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि टेलीविजन एंकर भारत की जिस छवि को पेश करते हैं, वह भारत के बारे में नहीं है, जिस भारत को मैं जानती हूं उसके बारे में नहीं है.”

नेहरू-गांधी परिवार को नापसंद करने वाले संघ परिवार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “मेरे लिए, भारत का मतलब इंदिरा गांधी हैं. जब मैं बड़ी हो रही थी, उन्होंने मेरे लिए भारत का प्रतिनिधित्व किया. हो सकता है कि कुछ लोगों को वह पसंद ना हों, लेकिन वही भारत थीं.”

महबूबा ने कहा, “मैं उस भारत को देखना चाहती हूं, जो चीखता हो, कश्मीर का दर्द महसूस करता हो. वह भारत जो हमारी शर्तों पर हमें गले लगाता हो. हम अलग तरह के राज्य हैं, जिसमें धर्म व हर चीज में बहु-विविधता है. कश्मीर भारत में एक छोटा सा भारत है.”

कश्मीर के विशेष संवैधानिक दर्जे को निरस्त करने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध करते हुए उन्होंने कहा, “कुछ लोग हमारे झंडे के बारे में बातें कर रहे हैं, तो कभी अनुच्छेद 370 के बारे में बातें करते हैं..जो हमारे राज्य के लोगों को बेहद अजीज है और वह राज्य की अनोखी पहचान को बनाए रखने में मददगार है.”

मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उम्मीद जताई कि वह जम्मू एवं कश्मीर मुद्दे का समाधान करेंगे. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मोदी इस वक्त के व्यक्तित्व हैं. वह इतिहास का व्यक्तित्व हो सकते हैं और उनका नेतृत्व एक संपत्ति है, जिसका दोहन करने की जरूरत है. और साथ मिलकर काम करने तथा कश्मीर को संकट से बाहर निकालने का एक रास्ता होना चाहिए.”