म्यांमार में महिलाओं से योगी ने बंधवाई राखी, कहा- भगवान बुद्ध के उपदेश आज भी प्रासंगिक

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने रविवार को कहा कि भगवान बुद्ध के तीनों महत्वपूर्ण उपदेश धम्मम् शरणम् गच्छामि, संघम् शरणम् गच्छामि तथा बुद्धम् शरणम् गच्छामि आज भी प्रासंगिक हैं.

मुख्यमंत्री ने म्यांमार के यांगून में आयोजित ‘संवाद’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा ‘म्यांमार की पावन धरती पर कदम रखकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, हिंदू धर्म में कर्म योग कर्म मार्ग अध्यात्म का मार्ग है, जो ‘आकांक्षा से रहित होकर उचित समय पर उचित कार्य करने’ पर बल देता है. यहां पर मौजूद भारतीय समुदाय की महिलाओं ने रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में योगी को राखी बांधीं. मुख्यमंत्री ने उन्हें रक्षाबंधन की बधाई दी.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को बौद्ध सर्किट के माध्यम से जोड़ने का काम किया जा रहा है, जिससे देश-विदेश के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को भगवान बुद्ध से जुड़े इन स्थलों तक पहुंचने में आसानी होगी.

योगी ने कहा कि प्राचीन भारतीय दर्शन, प्रतिक्रिया देने से पूर्व दूसरों की मनःस्थिति तथा विचार प्रक्रिया को समझने पर बल देता है. हमारी परंपरा में ऐसे अनेक उदारहण हैं, जहां तलवार की नोक पर किसी के विचार थोपने के स्थान पर विचारों के आदान-प्रदान को सर्वश्रेष्ठ साधन माना गया है.

उन्होंने कहा कि धर्म के वास्तविक स्वरूप को समझने के लिए भगवान बुद्ध के अष्टांग मार्ग को जानना और अपनाना जरूरी है. विश्व की विभिन्न संस्थाओं पर एक गुरुतर दायित्व आ पड़ा है कि वे विश्व में आपसी सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर हर नागरिक में पर्यावरण को लेकर एक चेतना जाग्रत करने का प्रयास करें.