पास कराने 50 हजार की डील थी, 5 हजार एडवांस लिए

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सागर। आरक्षक चयन परीक्षा में पास कराने के लिए सॉल्वर अस्र्ण कुुमार उर्फ अनुराग ने रमन कुमार सिंह से 50 हजार स्र्पए की डील की थी। शर्त यह थी कि शुरुआत में 5 हजार और परीक्षा में पास होने के बाद 45 हजार स्र्पए और देने होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका और परीक्षा केंद्र में दस्तावेज, फोटो व थ्रब इंप्रेशन मिलान के दौरान फर्जीवाड़ा उजागर हो गया।

सिरोंजा स्थित एसवीएन विश्वविद्यालय में बुधवार को फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद गुरुवार को आरक्षक चयन परीक्षा के लिए बनाए गए केंद्रों में सख्ती देखने को मिली। परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले दोनों युवक उप्र के अलीगढ़ और बुलंदशहर के हैं। दोनों एक साथ कोचिंग कर रहे थे।

पुलिस के मुताबिक आरोपी युवक रमन सिंह पढ़ाई में कमजोर था, उसने कोचिंग के दौरान अस्र्ण सिंह से आरक्षक चयन परीक्षा में पास कराने के लिए डील की थी। सिविल लाइन थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह चौहान ने यूपी पुलिस से दोनों के नाम पते वैरिफाई कर लिए हैं।

उन्होंने बताया रमन पिता अजय पाल सिंह जाट उम्र 30 साल निवासी डेराकला अलीगढ़ का रहने वाला है। दूसरा आरोपी सॉल्वर अस्र्ण उर्फ अनुराग पिता राघव मीरपुर जिला बुलंदशहर का रहने वाला है। परीक्षा केंद्राध्यक्ष की रिपोर्ट पर दोनों के खिलाफ सिविल लाइन थाने में धारा 419, 420, 34 का प्रकरण दर्ज किया गया है।

भीड़ का फायदा उठाया

परीक्षा केंद्र पर छात्रों की भीड़ थी। परीक्षार्थी के अलावा विश्वविद्यालय के छात्र भी थे। इस दौरान रमन सिंह परीक्षा हॉल से टॉयलेट के बहाने बाहर आया।

टॉयलेट के पास पहले से सॉल्वर छुपा बैठा था। जैसे ही वह बाहर आया सॉल्वर उसकी सीट पर जाकर बैठ गया। परीक्षा शुरू होने से पहले पर्यवेक्षक ने परीक्षा एजेंसी के दस्तावेजों से परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र, फोटो और साइन मैच किए। रमन के तीनों प्रिंट मैच नहीं होने से मामला उजागर होते ही केंद्राध्यक्ष ने पुलिस को बुला लिया।

रिमांड पर लिया

दोनों आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया। उन्हें पूछताछ करने के लिए रिमांड पर लिया गया है। आरोपी युवकों के पास से मिले दस्तावेजों का परीक्षा एजेंसी से सत्यापन कराया जाएगा।

दो साल पहले भी 6 युवक पकड़े गए थे

सागर जिले में आरक्षक चयन परीक्षा में फर्जीवाड़े का यह दूसरा मामला है। दो साल पहले मकरोनिया स्थित होटल जयराम में पुलिस ने दबिश देकर 6 युवकों को पकड़ा था। ये सभी उप्र के बनारस, इलाहाबाद और मुजफ्फर नगर के रहने वाले थे। मास्टर माइंड कोचिंग इंस्टीट्यूट का संचालक था, जो पांच युवकों को परीक्षा में पास कराने लाया था। इनमें दो सॉल्वर थे।