गुरुग्राम छात्र हत्याकांड: कोर्ट ने CBI को दूसरा चार्जशीट दाखिल करने के लिए और समय दिया

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गुरुग्राम: एक सत्र अदालत ने हरियाणा के एक निजी स्कूल में सात वर्षीय लड़के की हत्या के मामले में सीबीआई को 14 मई तक पूरक आरोप पत्र दाखिल करने के आज निर्देश दिए. जांच एजेंसी ने आरोप पत्र दाखिल करने के लिए और समय मांगा था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जसबीर सिंह कुंडू ने सीबीआई की याचिका पर विचार करने के बाद उसे और समय दिया. एजेंसी ने कहा था कि इस मामले में जांच चल रही है और उसे पूरक आरोप पत्र दाखिल करने के लिए और समय चाहिए. अदालत ने निजी स्कूल के अधिकारियों फ्रांसिस थॉमस और जयेश थॉमस को 14 मई को अगली सुनवाई के दिन अदालत में हाजिर रहने के भी निर्देश दिए. इस बीच, 16 वर्षीय आरोपी छात्र की जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर दलीलों में कहा गया कि यह न्यायसंगत आदेश नहीं है और उसे अपने मामले को पेश करने का उचित अवसर नहीं दिया गया. याचिका पर दलीलें आज पूरी हो गई.

जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) ने पिछले साल 20 दिसंबर को कहा था कि किशोर पर वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाएगा और उसे गुरुग्राम की सत्र अदालत के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए थे. अदालत ने इससे पहले सीबीआई को जांच में तेजी लाने और आज की तारीख तक अंतिम प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश थे. उसने इस हत्याकांड में बस कंडक्टर अशोक कुमार को भी बरी कर दिया था. सीबीआई ने कहा था कि इस अपराध में उसकी संलिप्तता का कोई सबूत नहीं है. इससे पहले, अदालत ने मीडिया को इस मामले में 16 वर्षीय नाबालिग आरोपी के नाम का इस्तेमाल करने से रोक दिया था.

अदालत ने कहा था कि सात वर्षीय पीड़ित को ‘‘प्रिंस’’ कहा जाए. जबकि, नाबालिग आरोपी को ‘‘भोलू’’ और स्कूल का नाम ‘‘ विद्यालय’’ कहा जाए. सीबीआई ने आरोप पत्र में आरोप लगाया कि नाबालिग छात्र ने स्कूल में परीक्षा टालने और निर्धारित अभिभावक-शिक्षा बैठक रद्द कराने के लिए पिछले साल सितंबर में बच्चे की हत्या कर दी थी. जांच एजेंसी ने पहले इस मामले में गुरुग्राम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए स्कूल बस कंडक्टर अशोक कुमार को क्लीन चिट दे दी थी.

सीबीआई ने इस जघन्य हत्याकांड को लेकर देशभर में रोष व्याप्त होने के बाद 22 सितंबर को गुरुग्राम पुलिस से इस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली थी.