आगरा में एसपी क्राइम का रिश्वत मांगने का ऑडियो वायरल

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एसपी क्राइम आनंद कुमार पर पांच लाख रुपया घूस मांगने का आरोप है। विवादित भूखंड की जांच के बाद एक पार्टी के पक्ष में रिपोर्ट देने के मामले में पैसा मांगने का ऑडियो वायरल है।

आगरा (जेएनएन)। ताजनगरी आगरा में एसपी क्राइम आनंद कुमार पर पांच लाख रुपया घूस मांगने का आरोप है। यहां पर एक विवादित भूखंड की जांच के बाद एक पार्टी के पक्ष में रिपोर्ट देने के मामले में पैसा मांगने का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। एसएसपी ने इस प्रकरण की जांच एसपी प्रोटोकॉल को सौंपी और उन्होंने एसपी क्राइम को क्लीन चिट दे दी है।

जमीन के विवाद की जांच में एसपी क्राइम कटघरे में हैं। उनके ऊपर एक पक्ष ने रिपोर्ट अपने पक्ष में लगवाने के एवज में पांच लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है। एसएसपी से इस संबंध में शिकायत की और ऑडियो पेश किया। समकक्ष अधिकारी की जांच में उन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। मगर, एसपी क्राइम की बातचीत का यह ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

एत्माद्दौला के रामबाग निवासी मनोज कुशवाह और जलेसर निवासी रामबाबू कुशवाह के बीच शहर में 800 वर्ग गज के भूखंड को लेकर विवाद चल रहा है। 28 फरवरी 2017 को मनोज की मां ने एसएसपी से शिकायत की। आरोप था कि रामबाबू और साथियों ने उनकी जमीन पर आकर सामान फेंक दिया। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी गई। एसएसपी ने इस मामले की जांच एसपी क्राइम को सौंपी। उन्होंने दोनों पक्षों के बयान लेने के बाद 20 मार्च को अपनी रिपोर्ट दे दी। इसमें मनोज पक्ष के पास जमीन संबंधी कागजात न होने की बात कही गई। कल मनोज कुमार पक्ष के लोग एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह से मिले। उन्होंने एसपी क्राइम आनंद कुमार पर पांच लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। मनोज का आरोप है कि आंवलखेड़ा निवासी रिश्तेदार पवन के साथ वे एसपी क्राइम से मिले थे। उन्होंने रिपोर्ट पक्ष में लगाने के लिए पांच लाख रुपये मांगे थे। न देने पर बार-बार फोन कर बुलाया। मिलने आए तो उन्होंने पवन कुमार को फोन मिलाकर बात की। इसकी ऑडियो की पूरी रिकार्डिग भी उसने एसएसपी को सौंप दी।

लैपटॉप में सुनी ऑडियो और क्लीनचिट

एसएसपी ने शिकायत मिलने पर एसपी क्राइम के समकक्ष अधिकारी एसपी प्रोटोकॉल को जांच दी। उन्होंने अपने ऑफिस में मनोज को बैठा लिया। उसके द्वारा दी गई ऑडियो को लैपटॉप में सुना। इसके बाद कह दिया कि उसमें एसपी क्राइम की आवाज तो है, लेकिन रिश्वत मांगने की बात प्रमाणित नहीं हो रही। यही रिपोर्ट उन्होंने एसएसपी को दे दी।

बातचीत का ऑडियो

स्टेनो एसपी क्राइम : हेलो ..एसपी साहब बात करना चाहते हैं लो बात करो
पवन- सर नमस्कार।
एसपी क्राइम- हां पवन तुम तो बात ही नहीं कर रहे हो आ ही नहीं रहे हो।
पवन- सर नमस्कार।
एसपी क्राइम- हाथ खींच लिए क्या। क्या हुआ इन्होंने कुछ नहीं किया।
पवन- कुछ नहीं किया (चौंकते हुए)।
एसपी क्राइम- कुछ नहीं किया। तुम लोग विश्वसनीय नही हो। तुम ही आए थे इन्हें लेकर। हम तो इन्हें जरा भी जानते नहीं थे।
पवन- नहीं मैंने कहा था कि एसपी साहब से कहकर आए हैं तो इंतजाम करो।

एसपी क्राइम- इनसे पूछो कुछ किया है क्या। एक पैसे का किया हो तो बताओ। लो बात कर लो इनसे फिर मुझसे बात करो।
पवन- क्या कह रहे हो?

मनोज- वो ही पैसे वाली बात थी इंतजाम हो नहीं रहा बहुत परेशान है। तीन लाख रुपये कहां से आएंगे। एसपी साहब तो बिल्कुल जातिवाद नहीं निभा रहे

पवन- मैं 20-25 हजार की व्यवस्था कर सकता हूं।
मनोज- बाद में बात कर लेंगे।

फोरेंसिक लैब क्यों नहीं भेजा ऑडियो

पुलिस अधिकारी पर लगे गंभीर आरोपों की जांच में भी लापरवाही बरती गई। बिना फोरेंसिक लैब की जांच के ही अधिकारी निष्कर्ष पर पहुंच गए। सवाल यह है कि यह ऑडियो जांच को फोरेंसिक लैब क्यों नहीं भेजा गया।

एसपी प्रोटोकॉल ने की जांच

एसएसपी ने शिकायत मिलने पर एसपी क्राइम के समकक्ष अधिकारी एसपी प्रोटोकॉल को जांच दी। उन्होंने ऑफिस में मनोज को बैठा लिया। उसने जो ऑडियो उपलब्ध कराया उसको लैपटॉप में सुना। इसके बाद कह दिया कि उसमें एसपी क्राइम की आवाज तो है, लेकिन रिश्वत मांगने की बात प्रमाणित नहीं हो रही। यही रिपोर्ट उन्होंने एसएसपी को दे दी।

आरोप प्रमाणिक नहीं

जांच अधिकारी एसपी प्रोटोकाल, विद्या सागर मिश्र ने कहा कि शिकायत के बाद जांच की गई थी। मनोज के पास मालिकाना हक से संबंधित कोई कागजात नहीं है। लेखपाल की जांच और एसडीएम के आदेश के आधार पर एसपी क्राइम ने अपनी रिपोर्ट दी है। रिश्वत मांगने के आरोप प्रमाणिक नहीं है।

आगरा में जमीन के विवाद की जांच में एसपी क्राइम कटघरे में हैं। उनके ऊपर एक पक्ष ने रिपोर्ट अपने पक्ष में लगवाने के एवज में पांच लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है। इस संबंध में एसपी क्राइम की बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जांच अधिकारी एसपी प्रोटोकॉल विद्या सागर मिश्र ने बताया कि शिकायत के बाद जांच की गई थी। मनोज के पास मालिकाना हक का कोई कागज नहीं है। रिश्वत मांगने के आरोप प्रमाणिक नहीं हैं।