घरेलू बाजार में एक साल में 28 फीसदी महंगा हुआ कच्चा तेल

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नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में लगातार तेजी रहने से घरेलू वायदा बाजार में तेल का भाव पिछले एक साल में करीब 28 फीसदी बढ़ा है जबकि पिछले तीन साल में देखें तो लोकल कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल के दाम में 32 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है. कच्चे तेल में आई हालिया तेजी भू-राजनीतिक तनाव से प्रेरित है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की तरफ से सीरिया में सैन्य कार्रवाई शुरू करने से खाड़ी देशों का संकट गहरा गया है जिससे पिछले हफ्ते कच्चे तेल का भाव पिछले करीब 40 महीने के ऊपरी स्तर पर चला गया.

हालांकि सोमवार को थोड़ी नरमी थी मगर भाव अभी तक करीब तीन साल से अधिक के ऊपरी स्तर पर बना हुआ है. अमेरिकी क्रूड 0.86 फीसदी फिसलकर 66.81 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था और लंदन ब्रेंट क्रूड 0.73 फीसदी की गिरावट के साथ 71.85 डॉलर प्रति बैरल पर बना हुआ था.

केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर विजय केडिया भू.राजनीतिक दबाव को ही कच्चे तेल के दाम में तेजी का प्रमुख कारण मानते हैं. उन्होंने कहा कि निस्संदेह सीरिया और यमन का संकट तेल के भाव में उछाल आने का कारण है, मगर ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर पश्चिम की टेढ़ी नजर, ओपेक देशों द्वारा उत्पादन में कटौती से भी तेल बाजार में तेजी का रुख रहा है. 

तीन साल पहले के स्तर से तुलना करें तो एमसीएक्स पर कच्चे तेल का अप्रैल वायदा 13 अप्रैल को तीन साल पहले के मुकाबले 1084 रुपये प्रति बैरल या करीब साढ़े 32 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. तीन साल पहले 13 अप्रैल 2015 को कच्चे तेल का अप्रैल एक्सपायरी वायदा 3,319 उछलने के बाद 3,273 रुपये प्रति बैरल पर बंद हुंआ था.