मुंबई धमाके मामले के दोषी ताहिर मर्चेंट की अस्पताल में मौत, सुनाई गई थी फांसी की सजा

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नई दिल्ली: 1993 के मुंबई धमाकों के लिए दोषी ठहराए गए ताहिर मर्चेंट उर्फ ताहिर टकला की बुधवार सुबह पुणे के एक अस्पताल में मौत हो गई. ताहिर को इस मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मर्चेंट को सीने में दर्द की शिकायत के बाद बुधवार तड़के तीन बजे ससून अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. कारागार विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ भूषण कुमार उपाध्याय ने कहा कि यरवदा जेल में बंद ताहिर मर्चेंट नाम के एक दोषी को सीने में दर्द की शिकायत के बाद ससून अस्पताल में भर्ती करवाया गया. इलाज के दौरान सुबह तीन बजकर 45 मिनट पर उसकी मौत हो गई.

एक अधिकारी ने बताया कि मर्चेंट को अबु धाबी से प्रत्यार्पण करवा कर भारत लाया गया था और केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई ) ने 2010 में उसे गिरफ्तार किया गया था और वह पुणे के यरवदा केंद्रीय कारागार में अपनी जेल की सजा काट रहा था. पुलिस के मुताबिक मर्चेंट ने धमाकों के लिए पैसा जुटाने का काम किया था और उसका संबंध साजिशकर्ता टाइगर मेमन और दाऊद इब्राहिम से भी था. 2007 में टाडा की एक विशेष अदालत ने 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में अभिनेता संजय दत्त समेत 100 आरोपियों को दोषी करार दिया था.

पिछले साल सितंबर में एक विशेष अदालत ने ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान को मौत की सजा सुनाई थी जबकि मुख्य आरोपी अबु सलेम और करीमुल्ला खान को उम्रकैद की सजा मिली थी. अदालत ने मर्चेंट को मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक ठहराया था. इस मामले के एक अन्य दोषी मुस्तफा दोसा की पिछले साल जून में दिल का दौरा पड़ने के बाद मुंबई के जे जे अस्पताल में मौत हो गई थी.

मुंबई में 1993 में हुए इन विस्फोटों में 257 लोग मारे गए और 713 घायल हो गए थे. धमाकों में करीब 27 करोड़ रूपये की संपत्ति का नुकसान हुआ था.