Exclusive: 18 जुलाई को पैदा हुए इस जिले के आधे से ज्यादा लोग! खामी या इत्तेफाक, यहां जानें

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हरियाणा सरकार के परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर अपलोड किए गए डाटा में भारी खामियां सामने आ रही हैं। स्थिति यह है कि पोर्टल पर जिले की आधी से अधिक आबादी का जन्म 18 जुलाई को दिखाया गया है। सिर्फ जन्मतिथि ही नहीं नामों की स्पेलिंग में भी काफी गलतियां हैं। इसके कारण लोगों को अपने परिवार की आईडी ढूंढने में भी काफी दिक्कत आ रही है।  प्रदेश सरकार की तरफ से हर परिवार की एक फैमिली आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए मेरा परिवार नाम से पोर्टल तैयार किया गया है, जिसका पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने शुभारंभ किया था। प्रदेश सरकार की तरफ से प्रदेश के सभी परिवारों का डाटा बैंक तैयार कराने के लिए पिछले दिनों सर्वे कराया गया था।

पूरे गांव की जन्मतिथि दिखाई 18 जुलाई
अग्रोहा ब्लॉक के गांव फ्रांसी के 90 प्रतिशत से ज्यादा लोगों की जन्म तिथि 18 जुलाई दर्शाई गई है। इस गांव के 1817 लोगों का डाटा दिखाया गया है, जिसमें 1700 से ज्यादा लोगों की जन्म तिथि 18 जुलाई है। गांव की लिस्ट में एफ नाम से शुरू होने वाले सभी सातों नाम, एल से 15 में से 14, ओ लेटर के सभी 10, यू लेटर के 15 में से 14 और वाई लेटर से शुरू होने वाले सभी नामों जन्म तिथि 18 जुलाई दर्शाई गई है।

नामों में काफी त्रुटियां

उदाहरण के तौर पर नरेश नाम की स्पेलिंग एनएआरईएसएच बनती है, लेकिन पोर्टल पर सिर्फ आरईएसएच लिखी हुई है। वहीं आरव नाम की स्पेलिंग एआरएवी बनती है, जो एआरवी लिखी हुई है। इसी प्रकार अनेक नामों की स्पेलिंग में इसी तरह की गलती की गई है।

यह है योजना

सिंगापुर और ब्राजील की तर्ज पर अब हरियाणा में हर परिवार का पहचान पत्र होगा। प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं का लाभ आने वाले समय में इसी पहचान पत्र के जरिये मिलेगा। रिकॉर्ड अपडेट होने पर प्रदेश के 55 लाख परिवारों को कार्ड मिलेंगे। कार्ड मिलने के बाद सरकारी योजनाओं के लिए पहचान पत्र को अनिवार्य कर दिया जाएगा।

आधार कार्ड की तरह ही पूरे परिवार की एक अलग पहचान होगी, जिसमें परिवार के मुखिया का नाम सबसे ऊपर होगा। जन्म के साथ ही इसमें परिवार के सदस्य का नाम शामिल हो जाएगा और जब लड़की शादी के बाद ससुराल जाएगी तो उसका नाम ससुराल के परिवार में शामिल कर दिया जाएगा।

यह होगा फायदा 

इस योजना से पात्र परिवारों को योजनाओं का सही समय पर लाभ मिलेगा। भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने के साथ ही पात्र परिवारों के सही आंकड़े भी सामने आएंगे। अर्थ एवं सांख्यिकीय विश्लेषण विभाग के पास जिलावार परिवारों का डाटा उपलब्ध रहेगा, जिसे अन्य विभाग अपनी-अपनी योजनाओं के लिए उपयोग कर सकेंगे।

पोर्टल ने खुद ही यह डाटा उठा रखा है। डाटा एकत्रित करने के लिए सर्वे कराने की जानकारी मुझे नहीं है