पूर्व सांसद पप्पू यादव द्वारा संचालित सेवाश्रम बंद हो गया। यह दिल्ली में देश भर के गरीब मरीजों के लिए जीवनदायनी था।

696

जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो वा पूर्व सांसद पप्पू यादव द्वारा संचालित सेवाश्रम बंद हो गया। यह दिल्ली में देश भर के गरीब मरीजों के लिए जीवनदायनी था।

देश के सभी सांसदों को भारत सरकार की तरफ से दिल्ली में कोठियां मिलती है। लेकिन बिहार के सांसद पप्पू यादव ही थे जो अपने आवास में मरीजों के लिए सेवाश्रम चलाते थे। जहां सैकड़ों की संख्या में गरीब-असहाय मरीज और उनके परिजन नि:शुल्क रहते थे और साथ साथ भोजन की भी मुफ्त व्यवस्था होती थी। उनके इलाज में मदद के लिए कई पूर्णकालिक कर्मी भी नियुक्त थे, जो एम्स आदि अस्पतालों में उपचार में सहायता करते थे।

बिहार और देशभर के किसी कोने से अये जरूरतमंद लोगों के लिए यह सेवा आश्रम हमेशा खुला रहता था।

आपको बता दें कि पप्पू यादव उन मरीजों की सेवा के लिए कई कर्मचारी भी रखे थे। जरुरत पड़ने पर मरीजों को आर्थिक मदद भी करते थे।

दुर्भाग्य से 2019 के लोकसभा चुनाव में पप्पू यादव और उन की पत्नी रंजीत रंजन दोनों को हार का सामना करना पड़ा। अब सरकार की ओर से अर्जेंट नोटिस के तहत उन्हें आवास खाली करना पड़ रहा है।

कल सेवा आश्रम में रह रहे सौ से अधिक मरीजों को जब पप्पू यादव बता रहे थे कि ये जगह उन्हें खाली करना होगा। सभी के चेहरे मायूसी हो गय। उतने लोगों के लिए तुरंत कोई नई व्यवस्था करना संभव न था, इसलिए माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष हाथ जोड़कर सबसे माफी मांगते नजर आए।

बड़े ही दुखी मन से सेवाश्रम खाली करते हुए पप्पू यादव ने कहा , ‘आपका भाई – बेटा – सेवक आपसे वादा करता है कि आपके लिए सेवाश्रम फिर स्थापित करेगा, बस वक़्त चाहिए। सेवाश्रम में रहे लोगों को अभी तक हमारी सेवा औऱ समर्पण में अगर कोई शिकायत रही हो, तो मैं हाथ जोड़ कर आपसे क्षमा मांगता हूं। सेवाश्रम, आपका था। मैं तो बस सेवक की तरह रंजीत रंजन जी के साथ मिलकर हर वक़्त आपकी सेवा में लगा रहा। आज मेरे खुद के लिए भी कोई आशियाना नहीं है। सेवाश्रम और मेरे परिवार का रहने का ठिकाना दोनों मेरे लिए आज सबसे ज्यादा जरूरी है। दोनों मेरी जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण है। अब मुझे अपने लिए भी छत तलाश करनी है और सेवाश्रम के लिए भी। फिलहाल कल से हम और सेवाश्रम में रह रहे मरीज व उनके परिजन दरबदर हो जाएंगे।’