दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग इलाके में धारा 144 लगा दी है और एहतियात के तौर पर भारी पुलिस बल को तैनात किया है।प्रदर्शनस्थल के पास 12 अतिरिक्त कंपनी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। इसमें दस कंपनी पुरुष सुरक्षा बल शामिल हैं, जबकि दो कंपनी महिला सुरक्षाबल को लगाया गया है। आपको बता दें कि यहां पर प्रदर्शनकारी 15 दिसंबर से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ धरने पर बैठे हैं।
दिल्ली के शाहीन बाग में संयुक्त आयुक्त डीसी श्रीवास्तव ने कहा कि एहतियात के तौर पर यहां भारी पुलिस तैनात की गई है। हमारा उद्देश्य कानून और व्यवस्था बनाए रखना है और किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोकना है।
शाहीनबाग इलाके में एक मार्च को निकलने वाली रैली स्थगित हो गई है। यह विरोधी पक्ष की ओर से निकाले जाने की घोषणा की गई थी। इसे लेकर 75 दिन से धरना दे रहे लोगों ने भी रैली निकलाने की बात कही थी। माहौल की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कदम उठाते हुए दोनों पक्षों को रैली न निकालने के लिए मना लिया है। लोगों का कहना है कि रास्ता ना खुलने से उन्हें समस्या जरूर हो रही है, लेकिन राजधानी में शांति बनाए रखना जरूरी है। इसलिए यह फैसला लिया गया है।
वहीं शाहीन बाग में प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर अब 23 मार्च को सुनवाई होनी है। याचिका में प्रदर्शनकारियों की तरफ से सुरक्षा देने की मांग की गई थी। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।
पुलिस उपायुक्त ने बैठक बुलाई
शाहीनबाग में सीएए के विरोध में चल रहे धरना के चलते ढाई माह से सड़क बंद है। ऐसे में सड़क बंद करने का विरोध करते हुए कई संगठनों ने एक मार्च को रैली निकालने की बात कही थी। रैली में दिल्ली के सभी इलाकों के लोगों से शाहीनबाग पहुंचने की अपील की गई थी। रैली को देखते हुए शाहीनबाग में संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने भी लोगों से यहां बड़ी संख्या में धरनास्थल पर पहुंचने आह्वावन किया था। इसके लिए पोस्टर जारी करने के साथ ही दिल्ली के सभी छात्रों से मंच और सोशल मीडिया पर रविवार सुबह 11 बजे अपील की जा रही थी। इसे देखते हुए पुलिस उपायुक्त आर.पी मीणा और अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त कुमार ज्ञानेश ने दोनों पक्षों के लोगों से कई दिनों तक बैठक की। इस बैठक में बदरपुर से विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी सहित कई पार्षदों को बुलाया गया था, जिन्होंने लोगों को रैली न करने के लिए मना लिया।
एक गुट प्रदर्शन पर अड़ा
शाहीनबाग में चल रहे प्रदर्शन के चलते सड़क बंद होने से परेशान एक गुट पुलिस के मना करने के बाद भी प्रदर्शन करने पर अड़ा हुआ है। इस गुट में शामिल लोगों का कहना है कि प्रदर्शन करने का कह एक पक्ष का ही नहीं है। अगर पुलिस हमें रोकना चाहती है, तो पहले सड़क खाली कराए। अगर सड़क खाली नहीं होगी तो हम भी अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन जरूर करेंगे। हालांकि पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है।
धरनास्थल पर कम हुई भीड़
शाहीनबाग में नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों के प्रदर्शन को ढाई माह से ज्यादा हो गए हैं। स्थानीय महिलाएं धरनास्थल पर बैठकर धरने को आगे बढ़ा रही हैं। दिल्ली में कई जगहों पर हिंसा हुई है, इसके बावजूद अभी भी प्रदर्शन में लोग शामिल हो रहे हैं, लेकिन यहां पहले जैसी भीड़ नहीं है। इसके चलते प्रदर्शन में शामिल लोग मंच से धरनास्थल पर ज्यादा से ज्यादा लोगों के पहुंचने की अपील कर रहे हैं। शाहीनबाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने भी एक मार्च को दिल्ली में पढ़ने वाले सभी छात्रों को प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है।