कोरोना के खिलाफ भारत की बड़ी पहल, SAARC देशों के लिए 74 करोड़ रुपए के फंड का प्रस्ताव

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दुनियाभर में फैले कोरोना वायरस के खिलाफ भारत ने बड़ी पहल की है। सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंस में भारत ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक इमरेंजसी फंड का प्रस्ताव दिया है। सार्क देशों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी ने सार्क देशों के लिए 74 करोड़ रुपये के फंड का प्रस्ताव दिया है। इस फंड का नाम  COVID19 इमरजेंसी फंड होगा। भारत शुरू में इस फंड में 10 मिलियन डॉलर यानी करीब 74 करोड़ रुपये देगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सार्क देशों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिये रणनीति बनाने को लेकर वीडियो कांफ्रेंस में हिस्सा लिया।

कोरोना वायरस को लेकर सार्क देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि मैं ‘कोविड-19 आपात कोष’ यानी COVID19 इमरजेंसी फंड बनाने का प्रस्ताव करता हूं। यह स्वैच्छिक योगदान पर आधारित होगा और भारत इस फंड के लिये 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 74 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पेशकश से शुरूआत कर सकता है।

इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि दक्षेस क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमण के लगभग 150 मामले आए हैं, लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। तैयार रहें लेकिन घबराएं नहीं..यही हमारा मंत्र है।

सार्क देशों के वीडियो कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि इस विशेष सत्र में शामिल होने के लिए मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं। विशेष रूप से हमारे मित्र, नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने अपनी हालिया सर्जरी के तुरंत बाद हमें ज्वाइन किया है। मैं उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि जैसा कि हम इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं, मैं इस वायरस के प्रसार से निपटने के भारत के अनुभव को संक्षेप में साझा करना चाहूंगा। हमारा मार्गदर्शक मंत्र है- ‘तैयार रहें, मगर घबराएं नहीं।’

प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षेस देशों के नेताओं से कहा कहा कि हमने कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर मध्य जनवरी से ही भारत में प्रवेश करने वाले लोगों की जांच का काम शुरू किया था और धीरे-धीरे यात्रा पाबंदी को बढ़ाया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं, COVID-19 को हाल ही में WHO द्वारा महामारी घोषित किया गया है। अब तक, हमारे क्षेत्र ने कोरोना वायरस के 150 से कम मामले सामने आए हैं। लेकिन हमें सतर्क रहने की जरूरत है। हमने विभिन्न देशों से लगभग 1400 भारतीयों को निकाला। हमने अपनी ‘पड़ोस पहले नीति’ के अनुसार आपके कुछ नागरिकों की मदद की है।