coronavirus : लॉकडाउन से काम हुआ बंद, दिल्ली से बिहार के लिए पैदल निकले मजदूर

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कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर अभी मजदूरों पर दिखाई दे रहा है। कंपनियां बंद हो जाने से सभी बेरोजगार हो गए हैं। अब उनके समाने खाने का संकट आ गया है। ऐसे में यह मजदूर पैदल ही अपने घर की तरह निकल पड़े हैं। कई मजदूर पूरे परिवार के साथ सड़कों पर दिल्ली से पूर्चांचल और बिहार जाते हुए दिखाई दे रहे हैं, हालांकि पुलिस ऐसे लोगों को रोकने में जुटी है और प्रशासन इनके खाने-पीने का इंतजाम कर रहा है।

गुरुग्राम से पैदल ही निकले बिजनौर के लिए :

गुरुग्राम में कंपनियों में ठेके पर काम करने वाले मजदूरों के सामने बड़ा संकट पैदा हो गया है। काम बंद होने से वह बेरोजगार हो गए हैं और ठेकेदार ने भी उन्हें मजबूरी बताकर घर जाने को कह दिया। इन लोगों के पास खाना खाने तक के पैसे नहीं है। अब यह पैदल ही अपने घर बिजनौर के लिए निकल पड़े हैं। इन्होंने बताया कि ईएमटी मानेसर से सुबह 9:00 बजे चले थे और 11:00 बजे गुड़गांव पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि 1 दिन से पैसे ना होने के कारण ने खाना भी नहीं मिला है।  सुबह रास्ते में किसी ने इन्हें नाश्ता कराया। इसके बाद यह लगातार पैदल चलकर घर जा रहे हैं।

पू्र्वांचल में भी कुछ ऐसा ही मंजर : 
कोविड-19 के कहर के चलते मिर्जापुर, वारणसी समेत पूरे यूपी को लॉकडाउन का असर सड़कों पर दिखा। सोनभद्र जिले के सुकृत, मधुपुर, खलियारी , चंदौली जिले के नौगढ़ तक लगभग 100 किमी से दूरी पैदल पूरी की। लॉकडाउन होने के बाद वाराणसी में दैनिक मजदूरी कर परिवार समेत खुद का पेट पालने वाले श्रमिकों को काम मिलना बंद हो गया।

मायूस मजदूर अपने घर को चल पड़े। आवागन के लिए रोड पर साधन नहीं मिलने पर वाराणसी से लगभग 20 संख्या में मजदूर पैदल ही निकल पड़े। वाराणसी के लंका थानाक्षेत्र के सीर गोवर्धन क्षेत्र सुबह सात बजे चलकर मजदूर रामचंद्र राम, रामलखन ,राम जी ,रमेश ,राजीव, अरविंद, शिवरतन ,ठाकुर ,लालता, बिहारी आदि पैदल ही वाराणसी शक्तिनगर मार्ग से दोपहर में अहरौरा बाईपास पर पहुंचे। एकसाथ 20 की संख्या देख थानाध्यक्ष राजेश चौबे ने सभी को रोककर पूछताछ की। उन्होंने जब यह बताया कि वाराणसी में काम न मिलने पर वे अपने घर वापस जा रहे हैं। पूछताछ के बाद थानाध्यक्ष ने छोड़ दिया। मजदूरों ने बतायाकि उनके पास उतने पैसे भी नहीं हैं कि निजी साधन कर सकें। मजदूरी न मिलने से कमरे कमरे का किराया और रोजी-रोटी का संकट भी पैदा हो गया। सोच विचार करने के बाद वे पैदल ही अपने घर के लिए निकले। बनारसे से अहरौरा तक सभी दुकान आदि बंद मिले। पानी भी पीने को नहीं मिला।

दो दिन पैदल पानीपत से मेरठ पहुंचा :

बदायूं का एक युवक पैदल ही घर के लिए पानीपत से रवाना हो गया और दो दिन का सफर तय करते हुए बुधवार को मेरठ पहुंचा। मेरठ के गांधी आश्रम के पास उसे पुलिस ने रोका तो पूरा मामला पता चला। युवक ने बताया कि दो दिन से भूखा है और पैदल ही पानीपत से आ रहा है। इसके बाद मेरठ ट्रैफिक पुलिस ने खाना खिलाया और युवक को कुछ पैसे भी दिए। पुलिस ने युवक को वहीं बैठा लिया और इस बात की व्यवस्था में लग गए कि युवक को किसी तरह से आगे भेजा जा सके।

ऑटो से बिहार के लिए निकले : 

दिल्ली में ऑटो चलाने वाले बिहार के लोग गाड़ी लेकर फोरलेन पर निकल पड़े। लॉकडाउन के दौरान फोरलेन पर सीएनजी व पेट्रोल वाले ऑटो दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा बाइक से भी कुछ युवक लंबा सफर तय कर बिहार स्थित घर पर पहुंच रहे हैं। ऑटो चालक गाड़ी का पर्दा गिराकर बीच के सीट पर दो से तीन लोगों को बैठाकर हाईस्पीड में चल रहे थे। रात होने पर किसी ढाबे पर पहुंचकर कुछ समय आराम करने के बाद पुन: घर के लिए रवाना हो रहे हैं। सफर में जगह-जगह लॉकडाउन होने के कारण दुकानें बंद होने पर उन्हें खाने-पीने तक का सामान नहीं मिल रहा है। कसया के होटल दुकानदार विजय ने बताया कि पिछले दो दिनों से दिल्ली नम्बर की ऑटो लगातार हाइवे पर दिखाई दे रहे हैं। बाइकर्स दो से तीन के झुंड बनाकर चल रहे हैं।