बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोनो संक्रमण की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे घर-घर स्क्रीनिंग का दायरा बढ़ाने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है। साथ ही उन्होंने कोरोना के अलावा अन्य सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए शुरू की गई ओपीडी सेवा को और सुदृढ़ करने को कहा है। ताकि सामान्य मरीजों को भी बेहतर ढंग से इलाज हो। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलों और गांवों में घर-घर स्क्रीनिंग की जा रही है। इस क्रम में अभी तक 66 लाख से अधिक घरों में स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इस दौरान 2254 लोगों में सर्दी, खांसी और बुखार के सामान्य लक्षण मिले हैं। इनमें 1804 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं। सचिव ने बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत राज्य के सभी 84 लाख 76 हजार पेंशनधारियों के खाते में तीन-तीन महीने का अग्रिम पेंशन भेज दिया गया है। कुल भेज गई राशि 1017 करोड़ है।
बाहर फंसे छात्रों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में बाहर फंसे बिहार के छात्र- छात्राओं के लिए हेल्पलाइ नंबर (0612-2294600) जारी किया गया है। इस नंबर पर छात्रों के सूचना देने के बाद उनकी हरसंभव मदद की जाएगी। आपदा प्रबंधन विभाग के माध्यम से उनतक सहायता पहुंचाई जाएगी। कहा कि बाहर फंसे बिहार के 20 लाख 81 हजार श्रमिकों ने आवेदन किया है, जिनमें 12.78 लाख के खाते में मुख्यमंत्री सहायता राशि के रूप में एक-एक हजार भेज दिए गए हैं। फसल कृषि इनपुट की राशि के लिए 25 लाख किसानों ने आवेदन किया है, जिनमें साढ़े सात लाख आवेदन की जांच हो गई है। 35 हजार के खाते में 12 करोड़ रुपए भेज दिए गए हैं।
आंगनबाड़ी बच्चों को दो-दो पैकेट दूध पाउडर
उन्होंने यह भी कहा कि आंगनबाड़ी के बच्चों को दो-दो पैकेट 200 ग्राम दूध का पाउडर देने का कार्य शुरू कर दिया गया है। राज्य में आंगनबड़ी की संख्या एक लाख सात हजार है।