यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांप्रदायिकता पर नए सिरे से बहस की आह्वान किया है. वो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लखनऊ के रमाबाई मैदान में होने वाले समारोह को लेकर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी भी शरीक होने वाले हैं. इस प्रोग्राम में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी शरीक हुए.
तय हो कौन है राष्ट्रवादी?
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में एक बार सांप्रदायिकता पर चर्चा हो जानी चाहिए. उनके मुताबिक ये तय हो जाना चाहिए कि कौन राष्ट्रवादी है और कौन सांप्रदायिक? सीएम का कहना था कि सरकार इस मुद्दे पर खुली चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने पूछा कि जो लोग औरंगजेब और मोहम्मद गौरी से खुद को जोड़ते हैं उनके लिए क्या होना चाहिए?
RSS की तारीफ में कसीदे
योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोगों के भीतर राष्ट्रवाद का भाव पैदा करने का काम कर रहा है लेकिन उसे सांप्रदायिक बताने की साजिश हो रही है. वहीं, समाज को विकृत करने वाले लोगों को मानवतावादी साबित किया जा रहा है.
‘पढ़ाएंगे सही इतिहास’
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि यूपी के स्कूलों में अगले साल से 11वीं सदी के राजा सुहेलदेव की जीवनी शामिल होगी. सुहेलदेव ने उस वक्त के कई राजाओं को जुटाकर मुस्लिम हमलावरों के खिलाफ कामयाब जंगें लड़ी थीं. उन्होंने लाखन पासी को भी स्कूलों के सिलेबस में शामिल करने की बात कही. लाखन पासी के नाम पर ही लखनऊ शहर का नाम रखा गया है. योगी ने कहा कि महमूद गजनवी जैसे विदेशी आक्रांता देश को लूटने आए थे. उनका दावा था कि भारत के असली इतिहास को दबाकर रखा गया है. लेकिन जो कौम अपने इतिहास को नहीं संजो सकती, उसका नुकसान होता है. योगी आदित्यनाथ के मुताबिक सुहेलदेव जैसे ऐतिहासिक चरित्रों का नाम साजिश के तहत इतिहास से हटाया गया है और इस साजिश में शामिल लोगों को बेनकाब करने की जरूरत है.