Coronavirus: चीन के डॉक्टरों ने बताया इस वायरस से मरने का सबसे ज्यादा खतरा किन्हें है

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नई दिल्ली: 

चीन (China) के बाद अब कोरोनावायरस (Coronavirus) दुनियाभर में फैल गया है. इसी बीच चीन में कोरोनावायरस के मामलों में कमी आई है. वहीं हाल ही में चीन के डॉक्टरों ने बताया है कि हाई बीपी (High Blood Pressure) यानी उच्च रक्तचाप वाले मरीजों को कोरोनावायरस से मरने का अधिक खतरा है. चीन के डॉक्टर जनवरी से कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों का इलाज कर रहे हैं. वुहान (Wuhan), जहां सबसे पहले कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले सामने आए थे, इसका मुख्य केंद्र है. यहां काम कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक, अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों की इससे मरने की संभावना ज्यादा क्यों है. हालांकि, उन्होंने इतने वक्त में देखा है कि हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग जब कोरोनावायरस के संपर्क में आते हैं तो उनकी स्थिति बिगड़ जाती है और इस वजह से वो मर जाते हैं.

ब्लूमबर्ग ने डॉक्टर Du Bin के हवाले से कहा, ”जो मुझे अन्य डॉक्टरों ने बताया और मैंने खुद जो डाटा देखा उसमें हमें पता चला है कि उच्च रक्तचाप एक खतरनाक कारक है”. डॉक्टर Du Bin वुहान में कोरोनावायरस से पीड़ित कई लोगों का इलाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा, हालांकि, ”अब तक इस पर कोई शोध पब्लिश नहीं किया गया है लेकिन हम मानते हैं कि कोरोनावायरस के संपर्क में आने वाले लोगों को यदि उच्च रक्तचाप की समस्या है तो इससे उनकी जान को बाकियों के मुकाबले अधिक खतरा है”.

डॉक्टर Du ने कहा, ”हम अधिक उम्र वाले और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों पर अधिक नजर रख रहे हैं”. गौरतलब है कि कोरोनावायरस काफी तेजी से यूरोप और यूएस समेत कई देशों में फैल रहा है. भारत की बात करें तो स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि अब तक देश भर में कोरोना वायरस के 74 केस पॉजिटिव मिले हैं. अग्रवाल ने कहा कि अब तक यह कहना सही नहीं होगा कि तापमान बढ़ने के साथ-साथ कोरोना का असर घट जाएगा, क्योंकि अब तक कोई स्टडी नहीं हुई है

उन्होंने बताया कि देश में एक लाख टेस्ट किट हैं, और भी आर्डर दिए गए हैं. अब तक के आंकड़ों के मुताबिक बच्चे ज़्यादा रिस्क पर नहीं हैं. जो बुजुर्ग हैं और जिनको अन्य कोई बीमारी है, वे ज़्यादा रिस्क पर हैं. सावधानी बरतनी होगी. अग्रवाल ने कहा कि WHO की महामारी की घोषणा के पहले से ही हम मामलों के शुरुआत से ही WHO के संपर्क में हैं और जो तरीके अपनाने चाहिए थे, हमने पहले से ही अपना रखे हैं.