नई दिल्ली : नागकरिकता संशोधन कानून के खिलाफ करीब 50 दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाएं धरने पर बैठी हुई हैं, जिससे नोएडा-कालिंदी कुंज मार्ग बाधित है. बीजेपी नेता शाहीन बाग को दिल्ली में चुनावी मुद्दा बनाकर ध्रुवीकरण की सियासी बिसात बिछाने में जुटे हैं तो केजरीवाल मुस्लिम हितैषी की छवि बनाने से बच रहे हैं. यही वजह है कि केजरीवाल अभी तक दिल्ली के मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनावी प्रचार के लिए नहीं उतरे है जबकि वोटिंग में महज एक सप्ताह ही बचा है.
*दिल्ली चुनाव का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है
*केजरीवाल ने मुस्लिम इलाकों में प्रचार से बनाई दूरी
*शाहीनबाग को चुनावी मुद्दा बनाने में लगी बीजेपी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी दिल्ली चुनावी मैदान में उतरी है. केजरीवाल अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए दिन रात एक किए हुए हैं. दिल्ली की अलग-अलग सीटों पर जाकर वो चुनाव प्रचार कर माहौल बनाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन अभी तक किसी मुस्लिम बहुल सीट पर वो प्रचार नहीं पहुंचे हैं.
दिल्ली में करीब 12 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. दिल्ली की कुल 70 में से 8 विधानसभा सीटें मुस्लिम बहुल माना जाती हैं. केजरीवाल ने दिल्ली की बल्लीमारान, सीलमपुर, ओखला, मुस्तफाबाद, और मटिया महल सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं. इन सीटों पर 45 से 60 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं और यहां आम आदमी पार्टी की कांग्रेस से सीधी टक्कर मानी जा रही है.