Exclusive: राहुल गांधी से मिले थे कैंब्रिज एनालिटिका के प्रमुख, दिया था चुनाव कैंपेन के लिए प्रस्ताव – सूत्र

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नई दिल्ली: कैंब्रिज एनालिटिका ने पिछले साल कांग्रेस पार्टी से चुनाव प्रचार को लेकर संपर्क किया था. इस दौरान कंपनी ने फेसबुक पोस्ट और ट्वीट के आधार पर लोकसभा चुनाव 2019 में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए विशेष डाटा तैयार करने की बात भी कही थी. एनडीटीवी के पास कंपनी द्वारा दिए प्रपोजल की कॉपी है. इस प्रपोजल में कंपनी ने कांग्रेस पार्टी को डेटा के आधार पर चुनाव अभियान चलाने के लिए ढाई करोड़ रुपये का खर्च बताया था. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों ने कैंब्रिज एनालिटिका और पार्टी के नेताओं के बीच बैठक की बात मानी है. सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने कैंब्रिज एनालिटिका के अधिकारियों से बैठक जरूर की थी लेकिन इस दौरान पार्टी ने कंपनी से उनकी सेवाएं लेने को लेकर कोई समझौता नहीं किया था.

कांग्रेस पार्टी के डाटा एनालिटिक्स डिपार्टमेंट के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने बताया कि एक कॉमर्शियल प्रपोजल पर बात करने या संबंधित कंपनी के अधिकारियों से मुलाकात करने का यह मतलब नहीं होता है कि संबंधित कंपनी और पार्टी के बीच अपने आप कोई समझौता हो जाए. एनडीटीवी को मिली इस प्रपोजल से जुड़ी जानकारी के अनुसार कैंब्रिज एनालिटिका ने पिछले साल अक्टूबर और नंबर में कांग्रेस पार्टी के सामने प्रपोजल रखा था. 50 पन्ने के प्रपेजल पर अगस्त 2017 की तारीख है, इस प्रपोजल का टाइटल ‘टाटा ड्रिवन कैंपेन, द पाथ टू द 2019 लोक सभा’ है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के सामने यह प्रस्ताव कैंब्रिज एनालिटिका के सीईओ एलेक्जेंटर निक्स, जो अब सस्पेंड किए जा चुके हैं, ने रखा था. जानकारी के अनुसार उन्होंने उस दौरान राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी. साथ ही उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश और पी चिदंबरम से भी मुलाकात की थी.

उस दौरान यह पूरा प्रस्ताव कुल ढाई करोड़ रुपये के आसपास का था. कंपनी ने उस दौरान कांग्रेस पार्टी के सामने चुनाव से पहले फेसबुक और ट्वीट के आधार पर मतदाताओं की जानकारी जुटाने और चुनाव में उनका रुझान कांग्रेस की तरफ करने की पेशकश की थी. इस बैठक के दो महीने बाद ही कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाया था. हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक का कोई निष्कर्ष नहीं निकला था. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि कैंब्रिज एनालिटिका के इस प्रोपजल को कांग्रेस पार्टी ने बाद में अस्वीकार कर दिया था. पार्टी को लगा था कि कैंब्रिजल एनालिटिका ‘राइट विंग’ है और कंपनी पार्टी में सेंध लगाना चाहती है.

इस प्रपोजल और उस दौरान एलेक्जेंडर निक्स के साथ राहुल गांधी समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं की बैठक को लेकर कांग्रेस पार्टी से जवाब मांगा लेकिन कांग्रेस दफ्तर से इस बाबत कोई जवाब नहीं मिला. हालांकि इस मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी के डाटा एनालिटिक्स प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव कैंपेन के लिए कैंब्रिज एनालिटिका या इस जैसी किसी कंपनी से कभी कोई फायदा नहीं लिया है. इस तरह की बाते पहले भी कई बार की जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर किसी को अंधेरे में रखने की जरूरत नहीं है. यह साफ है कि पार्टी ने इस कंपनी के साथ कभी कोई काम नहीं किया है. जहां तक बात ऐसे प्रपोजल मिलने की है तो कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर की पार्टी है और  कई अलग कंपनियों की तरह से इस जैसे कई प्रपोजल मिलते रहते हैं.

एनडीटीवी से बात करते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हमारी पार्टी के लिए शुरू से ही साफ था कि हम इस तरह की कंपनी से कोई भी प्रोफेसनल सर्विस नहीं लेंगे, मेरे हिसाब से इसके बाद कोई मुद्दा ही नहीं बचता है. जब उनसे राहुल गांधी और एलेक्जेंडर निक्स की मुलाकात के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि अगर आप किसी कंपनी से कोई सर्विस लेते ही नहीं हैं तो फिर कोई मुद्दा बचता ही नहीं है. गौरतलब है कि कैंब्रिज एनालिटिका पर भारत समेत विभिन्न देशों में चुनाव को प्रभावित करने के लिए लाखों फेसबुक यूजर्स का डाटा चोरी करने का आरोप लगा था.

इन सब के बीच बीजेपी ने कांग्रेस पर कंपनी से सेवाएं लेने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की है.