H-1 बी वीजा प्रावधान कड़े करने की अमेरिकी योजना को ‘प्रभु’ ने बताया निराशाजनक
एच-1बी वीजा धारकों के जीवनसाथी को अमेरिका में काम करने से रोकने के निर्णय पर निराशा जाहिर करते हुए भारत ने उम्मीद जाहिर की कि ट्रंप प्रशासन इस मुद्दे पर पुनर्विचार करेगा. केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में यहां कहा, ‘वीजा पर चुनिंदा रोक लगाने का अमेरिकी निर्णय निराशाजनक है. हमें उम्मीद है कि अमेरिका इसमें सुधार करेगा.’
प्रभु ने कहा कि भारत ने पहले ही अमेरिका को अपनी आपत्तियों से अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा, ‘हमें इस वास्तविकता को सामने लाना होगा कि अमेरिका में भारतीय कंपनियां वहां की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं.उन्होंने कहा कि आईटी पेशेवर वहां अर्थव्यवस्था में उत्पादकता बढ़ाते हैं तथा सेवाओं में सुधार करते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमें लगता है कि अमेरिका को भारत की आपत्तियों को समझना चाहिए.’ प्रभु ने कहा, व्यापार के मुद्दे पर भी भारत ने अमेरिका को अपनी चिंताएं बता दी हैं. उन्होंने कहा कि भारत को मालवाहक तथा यात्री विमानों की जरूरत होगी और अमेरिका इसका फायदा उठा सकता है.