Independence day: जानिए आखिर भारत को 15 अगस्त के दिन ही क्‍यों मिली आजादी?

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नई दिल्ली: Independence day 2018: भारत हर साल आजादी का जश्न 15 अगस्त को मनाता है. स्वतंत्रता दिवस (india independence day) देश भर में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस (indian independence day) पर हर साल भारत के प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं. 15 अगस्त (15 August) 1947 को अंग्रेजों ने देश के शासन की कमान को भारीतयों को सौंप कर देश को स्वतंत्रत घोषित किया था. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है भारत की आजादी (independence day) के लिए 15 अगस्त की तारीख ही क्यों चुनी गई थी? दरहसल, ब्रिटिश संसद ने लॉर्ड माउंटबेटन (Lord Mountbatten) को 30 जून 1948 तक भारत की सत्‍ता भातीय लोगों को ट्रांसफर करने का अधिकार दिया था. लॉर्ड माउंटबेटन को साल 1947 में भारत के आखिरी वायसराय के तौर पर नियुक्त किया गया था. माउंटबेटन ने ही भारत की आजादी (india independence) के लिए 15 अगस्त की तारीख चुनी थी.

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि सी राजगोपालाचारी (c rajagopalachari) के सुझाव पर माउंटबेटन ने भारत की आजादी के लिए 15 ्अगस्त (15 August) की तारीख चुनी. सी राजगोपालाचारी ने लॉर्ड माउंटबेटन को कहा था कि अगर 30 जून 1948 तक इंतजार किया गया तो हस्तांतरित करने के लिए कोई सत्ता नहीं बचेगी. ऐसे में माउंटबेटन ने 15 अगस्त को भारत की स्वतंत्रता के लिए चुना. इसके बाद ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमंस में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल (Indian Independence Bill) 4 जुलाई 1947 को पेश किया गया. इस बिल में भारत के बंटवारे और पाकिस्तान के बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था. यह बिल 18 जुलाई 1947 को स्वीकारा गया और 14 अगस्त को बंटवारे के बाद 15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि 12 बजे भारत की आजादी (indian independence) की घोषणा की गई.

कुछ इतिहासकारों का मानना है कि 15 अगस्त (15 August) को आजादी का दिन चुनना माउंटबेटन का निजी फैसला था. माउंटबेटन लोगों को यह दिखाना चाहता था कि सब कुछ उसके ही नियंत्रण में है. माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख को शुभ मानता था इसीलिए उसने भारत की आजादी के लिए ये तारीख चुनी थी. 15 अगस्त का दिन माउंटबेटन के हिसाब से शुभ था क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के समय 15 अगस्त, 1945 को जापानी आर्मी ने आत्मसमर्पण किया था और उस समय लॉर्ड माउंटबेटन अलाइड फ़ोर्सेज़ का कमांडर था.