नयी दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने सोमवार को आरोप लगाया कि परिसर पर हुआ हमला संगठित था. हमले में घोष भी घायल हुई हैं. वहीं, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने नकाबपोश लोगों द्वारा विद्यार्थियों एवं शिक्षकों पर हमला होने के बाद सोमवार को कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग की.
घोष ने संवाददाताओं से कहा, यह संगठित हमला था. वे लोगों को छांट-छांट कर उन पर हमला कर रहे थे. जेएनयू सुरक्षा और तोड़फोड़ करने वालों के बीच पक्का कोई साठगांठ थी. उन्होंने हिंसा रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया. उन्होंने कहा, पिछले चार-पांच दिन से आरएसएस से जुड़े कुछ प्रोफेसर हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे ताकि हमारे आंदोलन को तोड़ा जा सके. क्या जेएनयू और दिल्ली पुलिस से सुरक्षा मांग कर हम कोई गलती कर रहे हैं?
दूसरी ओर, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों और शिक्षकों पर हमला के बाद सोमवार को कुलपति एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग की. जेएनयू के शिक्षकों ने यहां संवाददाता सम्मेलन में रविवार की हिंसा की जांच की भी मांग की. रविवार को जेएनयू परिसर में नकाबपोश लोगों ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों पर लाठी डंडों से हमला किया था और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था.
Jawaharlal Nehru University Student Union (JNUSU) President Aishe Ghosh: Every iron rod used against the students will be given back by debate and discussion. JNU's culture will not be eroded anytime soon. JNU will uphold its democratic culture. pic.twitter.com/Jtqa4UhaNo
— ANI (@ANI) January 6, 2020
वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने परिसर में छात्रों के खिलाफ हिंसा जारी रहने दी. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री की जवाबदेही बनती है और उन्हें पूरे मामले पर जवाब देना चाहिए. उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, जवाबदेही तय कीजिये और उन लोगों को दंडित कीजिये जो इसके लिए जिम्मेदार हैं. माकपा ने घटना की निंदा करते हुए कहा, देश के इस प्रमुख विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को सोचे-समझे तरीके से कम करने और इसे विघटित कराने में सहायक रहे कुलपति ने बिना किसी रोकटोक के घंटों तक हंगामा होते रहने दिया. हमले की इजाजत देने में सह-अपराध के लिए कुलपति को बर्खास्त किया जाना चाहिए.
पार्टी ने एक बयान में कहा, भारत के राष्ट्रपति को विश्वविद्यालय के ‘विजिटर’ के तौर पर कुलपति को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि परिसर में समान्य स्थिति बहाल हो. जेएनयू के पूर्व छात्र रहे एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण को संदर्भित करते हुए येचुरी ने कहा कि दो कैबिनेट मंत्रियों ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट किया है. येचुरी ने कहा, जेएनयू लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को लेकर बेहद गहरी प्रतिबद्धता सिखाता है.