मंगल पर मीथेन गैस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए भेजा गया मंगलयान रिटायरमेंट के बाद भी कमाई कर रहा है। वैसे तो इसके छह माह ही काम करने की उम्मीद थी, लेकिन चार साल बाद भी इसकी भेजी तस्वीरों को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा खरीद रहा है। इनके जरिए नासा मंगल पर मीथेन की मौजूदगी को लेकर जल्द किसी नतीजे पर पहुंच सकता है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन डॉ. के. सिवन ने बताया कि करार के तहत नासा मंगलयान की तस्वीरें ले रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी इन तस्वीरों एवं आंकड़ों का इस्तेमाल शोध कार्य में कर रही है। इसरो वैज्ञानिक भी इस कार्य में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि मंगलयान में लगे सभी पांच उपकरण अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
इसरो के वरिष्ठ अधिकारी आर. उमा महेश्वरन ने भी तस्वीरें साझा करने की पुष्टि की। हालांकि इससे होने वाली आय पर उन्होंने टिप्पणी नहीं की। उन्होंने कहा, इसरो समेत कई महकमों के वैज्ञानिक मंगलयान के आंकड़ों पर शोध पत्र तैयार कर रहे हैं। नासा भी इसी आधार पर शोध पत्र तैयार कर सकता है। हाल में नासा ने चंद्रयान में लगे उपकरण की तस्वीरों के आधार पर चंद्रमा पर बर्फ होने का दावा किया था। चंद्रयान में नासा ने मून मिनरोलॉजी मैपर लगाया था जबकि मंगलयान में उसका कोई उपकरण नहीं है। मंगलयान में लगे सभी पांचों उपकरण इसरो के हैं जो सीधे हसन स्थित मुख्य नियंत्रण कक्ष से जुड़े हैं। इसरो के अनुसार, मंगलयान अभी अगले तीन-चार साल तक काम करता रहेगा।