नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) में आज से प्रवीण तोगड़िया के युग की ‘समाप्ति’ हो गई है. तोगड़िया की नाराजगी के बावजूद हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल वीएस कोकजे (विष्णु सदाशिव कोकजे) को आज वीएचपी का नया अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया. कोकजे ने तोगड़िया के करीबी माने जाने वाले राघव रेड्डी को हराया. कोकजे तोगड़िया की जगह लेंगे.
अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने के लिए 192 लोगों ने वोट डाले, जिसमें से 131 वोट कोकजे के पक्ष में और 60 वोट राघव रेड्डी के पक्ष में पड़े. वहीं एक वोट अवैध करार दिया गया.
राम मंदिर के मसले पर संसद के द्वारा कानून बनाए जाने की मांग पर अड़े तोगड़िया काफी समय से आरएसएस और बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. वहीं खुले तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना कर चुके हैं. ऐसे में तोगड़िया या उनके करीबियों का चुना जाना पहले से भी असंभव माना जा रहा था.
29 अगस्त 1964 में वीएचपी की स्थापना के बाद पहली बार है जब चुनाव के माध्यम से वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष को चुना गया है. चुनाव से पहले तोगड़िया ने शुक्रवार को एबीपी न्यूज़ के ‘मास्टर स्ट्रोक‘ शो में बेबाकी से चुनाव और कोकजे पर सवाल उठाए थे.
उन्होंने कहा था विश्व हिंदू परिषद में चुनाव करोड़ों लोगों के लिए ‘दुखद और आघात’ की घटना है. यह सामाजिक, धार्मिक संगठन है. 52 साल में चुनाव नहीं हुआ और आज ‘राजनीतिक चुनाव’ थोपा जा रहा है. थोपने का कारण है या तो वीएचपी टूट जाए या हिंदुओं की परिषद ‘सरकारी परिषद’ बन जाए.
तोगड़िया ने कहा, ”संघ परिवार में 75 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट होता है. आडवाणी जी का रिटायरमेंट हुआ और वीएचपी में 80 साल का शख्स चुनाव लड़े यही आश्चर्य है. 61 साल के राघव रेड्डी हैं. उन्हें चुना जाए. परिवर्तन होता है. मिल बैठकर इसे तय करें. चुनाव पक्रिया पर रेड्डी जी सवाल उठा चुके हैं.”