अपनी छवि बदलने की कोशिश में जुटे केजरीवाल, अब अपना रहे हैं ये नुस्खे

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की रणनीति में एक नया बदलाव देखने मिल रहा है. छोटी से छोटी बात पर केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर हमला करने वाले केजरीवाल पंजाब और गोवा चुनाव के बाद से ही तीखी बयानबाज़ी करने से बचते नज़र आ रहे हैं.

दिल्ली में मजबूत सत्ता रखने वाले केजरीवाल एमसीडी चुनाव में हार झेलने के बाद से ही अपनी छवि को बदलने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं. पिछले कई महीनों से अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में भी सक्रिय हो गए. अपने क्षेत्र के वोट बैंक को गंवाने का कोई मौका न छोड़ते हुए सीएम केजरीवाल लोगों के बीच जाकर समस्या सुन रहे हैं और नई योजनाओं का ऐलान भी कर रहे हैं.

आपको बता दें कि 21 मई को पंजाबी बाग में हुई आप कार्यकर्ताओं की बैठक में केजरीवाल ने विधायकों और मंत्रियों को रोज सुबह 10 बजे जनता से बिना अपॉइंटमेंट मिलने और क्षेत्र में जाकर लोगों की समस्या निपटाने का आदेश भी दिया था.

पीएम मोदी या केंद्र सरकार पर हमला करने की बजाय अरविंद केजरीवाल अब दिल्ली सरकार के कामकाज पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. एमसीडी चुनाव में खराब नतीजों के बाद पार्टी के भीतर छिड़ी अंदरूनी जंग को भी इसकी एक बड़ी वजह माना जा रहा है. आप विधायक अमानतुल्ला खान, नेता कुमार विश्वास और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा के विवादित बोल ने काफी हंगामा खड़ा किया था, लेकिन तमाम विवादों और आरोपों को दरकिनार कर सीएम केजरीवाल, सरकार की योजनाओं पर फोकस करते नज़र आ रहे हैं.

सोशल मीडिया पर मजबूत पकड़ रखने वाली आम आदमी पार्टी भी दिल्ली सरकार के कामकाज का जमकर प्रचार कर रही है. ख़ुद केजरीवाल भी ट्विटर और फेसबुक पर पहले से ज्यादा सक्रिय हो गए हैं. हाल ही में सत्येंद्र जैन और मनीष सिसदिया के घर सीबीआई रेड के दौरान भी अरविंद केजरीवाल ने सीधे तौर पर केंद्र पर हमला बोलने की बजाय अपने साथियों की पोस्ट को शेयर करना ज़रूरी समझा.

इसके अलावा केजरीवाल ऐसे कार्टून शेयर करते भी नज़र आए, जहां वह इशारों ही इशारों में केंद्र पर अड़ंगा डालने का आरोप लगा रहे थे. हालांकि सरकार या पार्टी की पब्लिक मीटिंग हो या अंदरूनी मीटिंग, केजरीवाल के निशाने पर पीएम मोदी न के बराबर हैं.

आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता दिलीप पांडेय इस बारे में कहते हैं, ‘जनता के बीच रहकर काम करना ही अरविंद केजरीवाल का स्टाइल है. जब-जब जनता के काम में कोई बाधा बना है, वह संघर्ष ज़रूर करते हैं. संवाद के ज़रिये समस्याएं सुलझ रही हैं, जिसे जनता पसंद भी कर रही है.’

इन दिनों विरोधियों पर हमले न करने के सवाल पर पांडेय का कहना था कि नकारात्मक राजनीति को पार्टी नज़रअंदाज़ करती आई है. इससे बेहतर रणनीति नहीं हो सकती कि जनता और नेता के बीच कनेक्शन बनाया जाए, इससे अच्छी सरकार चलाने में मदद मिलती है.’