उत्तर कोरिया के सर्वोच्च शासक किम जोंग उन ने अमरीकी द्वीप गुआम पर हमले की योजना की समीक्षा की है.
उत्तर कोरिया की सरकारी मीडिया के मुताबिक, किम जोंग उन ने फ़िलहाल इस हमले को टालने का फ़ैसला किया है.
केसीएनए के मुताबिक, किम जोंग उन ने काफ़ी देर तक गुआम द्वीप पर हमले की योजना की समीक्षा करने के बाद वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से इस योजना पर चर्चा की.
विश्लेषकों का मानना है कि इसका मतलब ये हो सकता है कि उत्तर कोरिया अभी हमले के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हो और किसी तरह तैयारी पूरी करने के लिए समय जुटा रहा हो.
वहीं, कुछ संवाददाताओं का मानना है कि कई दिनों तक तीख़ी बयानबाज़ी करने के बाद उत्तर कोरिया अब थोड़ा शांत होने का मन बनाते दिख रहे हैं लेकिन उत्तर कोरिया जैसे रहस्यमयी देश के बारे में कोई भी बात पूरी तरह पुख़्ता तौर पर नहीं कही जा सकती.
दक्षिण कोरिया की सहमति ले अमरीका
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने अमरीका से कोरियाई प्रायद्वीप पर हमला करने से पहले दक्षिण कोरिया की सहमति लेने का आग्रह किया है.
दक्षिण कोरिया में मौजूद बीबीसी संवाददाता योगिता लिमये कहती हैं कि अंतर्राष्ट्रीय क़ानून और अमरीका-दक्षिण कोरिया के बीच सैन्य समझौतों के तहत गुआम पर हमला होने की स्थिति में अमरीका को जवाबी हमले के लिए ऐसी किसी इजाज़त की ज़रूरत नहीं है.
ऐसे में राष्ट्रपति मून अमरीका से ऐसी सहमति लेने का आग्रह क्यों कर रहे हैं.
कूकमिन यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर ह्वी रहाक पार्क कहते हैं कि ये दक्षिण कोरियाई के उदारवादियों के लिए संकेत हो सकता है कि स्थिति अभी भी दक्षिण कोरियाई सरकार के नियंत्रण में है.
उत्तर कोरिया लंबे समय से दक्षिण कोरिया को अमरीका का पिछलग्गू कहता आया है और ऐसे समय में दक्षिण कोरिया की ओर से अमरीका को जारी किया गया ये आग्रह तीख़ी बयानबाज़ी को कम करने का संदेश हो सकता है.