इनाम घोषित करके भी नक्सलियों और अपराधियों को नहीं पकड़ पा रही पुलिस

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वर्षों से फरार नक्सलियों और अपराधियों पर इनाम घोषित करने के बाद भी पुलिस उन्हें पकड़ नहीं पा रही है। कई ऐसे नक्सली और अपराधी हैं जिनपर घोषित इनाम की अवधि को भी बढ़ाना पड़ा है क्योंकि वे पकड़ में नहीं आ रहे। भागलपुर सहित अन्य जिलों के कई अपराधी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।

इस साल जुलाई से अक्टूबर तक 20 नक्सलियों व अपराधियों पर सरकार की नजर रही। इनमें कई अपराधियों पर पहले से घोषित इनाम की अवधि को बढ़ाया गया जबकि अपराध की दुनिया में कुख्यात बन चुके कई पर इनाम की पहली बार घोषणा हुई। इनमें जमुई सहित अन्य जिलों के नक्सली भी शामिल हैं। भागलपुर और नवगछिया सहित कई जिलों के अपराधियों पर भी इनाम की घोषणा की गयी है।

पुलिस के सिरदर्द बना राणा मियां
भागलपुर पुलिस के लिए कुख्यात राणा मियां सिरदर्द बन चुका है। इस 50 हजार के इनामी बदमाश को 12 साल से पुलिस खोज रही है। अंतिम बार उसे 2008 में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद से पुलिस की गिरफ्त में वह नहीं आया है। जिले के चर्चित अमरजीत और वकील आरजू की हत्या राणा मियां ने कराई थी। पुलिस की जांच में यह साबित हो चुका है पर उसे गिरफ्तार करना आज भी पुलिस के लिए चुनौती है। राणा मियां के अलावा 50 हजार का इनामी रवींद्र  यादव और 25 हजार का इनामी टिंकू मियां भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।

पिछले चार महीनों में इतनों पर इनाम घोषित
नाम                       जिला             इनाम                 अवधि 

मो जाफर              कटिहार        50 हजार            दो साल 
पप्पू यादव             नवगछिया      50 हजार           दो साल 
अखिलेश मंडल    नवगछिया       50 हजार           दो साल 
टैरा मंडल            भागलपुर         50 हजार           दो साल 
शिवशक्ति सिंह     बेगूसराय         50 हजार           दो साल 

इन नक्सलियों पर इनाम की अवधि दो साल बढ़ाई गयी
नाम                     जिला               इनाम 
बालेश्वर कोड़ा       जमुई              50 हजार 
अर्जुन कोड़ा          जमुई              50 हजार 
सिद्धू कोड़ा            जमुई              50 हजार 
राजकिशोर यादव   जमुई           50 हजार 

एसटीएफ की मदद से कई पकड़े गये
कई इनामी अपराधियों को पकड़ने में भी सफलता मिली है। भागलपुर और नवगछिया के कई अपराधियों को पुलिस ने एसटीएफ की मदद से पकड़ा है। इनमें टैरा मंडल, पप्पू सिंह, राजू मिश्रा, लड्डू यादव, टोपला यादव और प्रभाष यादव शामिल हैं। कई सालों से फरार सत्तन यादव को पुलिस ने झारखंड से पकड़ा था। कई नकसली और अपराधी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।