जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो दिल्ली हिंसा और 24 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे से पहले का है। महाराष्ट्र के यवतमाल में दिए भाषण में उमर खालिद कह रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान सड़कों पर उतरना होगा। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के 2016 के मामले में उमर खालिद और कन्हैया कुमार समेत तीन लोगों पर राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी दी है।
इस वायरल वीडियो में उमर खालिद ने कह रहा है कि हम वादा करते है कि 24 तारीख को जब डोनाल्ड ट्रंप हिन्दुस्तान आएंगे तो हम यह बताएंगे कि हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री और सरकार हिन्दुस्तान को बांटने का काम रही है। महात्मा गांधी के उसूलों की धज्जियां उड़ा रही है। हम यह बताएंगे कि हिंदुस्तान की आवाम हिंदुस्तान के हुक्मरानों के खिलाफ लड़ रही है। हिन्दुस्तान के हुक्मरान देश को बांटना चाहते हैं तो देश की आवाम जोड़ने के लिए तैयार है। हम तमाम लोग उस दिन सड़कों पर उतरकर आएंगे आप लोग आएंगे।
बीजेपी आईटी सेल के हैड अमित मालवीय ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि उमर खालिद जो पहले से ही देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहा है उसने 17 फरवरी को अमरावती में एक भाषण दिया। जहां खालिद 24 तारीख को ट्रम्प के भारत आने पर भारी संख्या में सड़कों पर आने के लिए एक बड़े पैमाने पर मुस्लिम दर्शकों को प्रेरित कर रहा है। क्या टुकडे टुकडे गिरोह ने दिल्ली में हिंसा की योजना पहले से बनाई थी?
Umar Khalid, already facing sedition charges, gave a speech in Amaravati on 17Feb, where he exhorted a largely Muslim audience to come out on streets in huge numbers when Trump arrives in India on 24th.
Was the violence in Delhi planned weeks in advance by the Tukde Tukde gang? pic.twitter.com/feUMwpPeKS
— Amit Malviya (मोदी का परिवार) (@amitmalviya) March 2, 2020
जिहादी ताकतों द्वारा ये साजिश पहले ही रच दी गई थी: बग्गा
बीजेपी नेता तेजेंद्रपाल सिंह बग्गा ने कहा कि जिहादी ताकतों द्वारा ये साजिश पहले ही रच दी गई थी कि जिस दिन डोनाल्ड ट्रंप भारत मे आएंगे उस दिन टुकड़े-टुकड़े गैंग सड़कों पर उतरेगा और देश को बदनाम करने की कोशिश करेगा। 17 फरवरी का उमर खालिद का ये भाषण उसी का सबूत है।
दिल्ली दंगों में मरने वाले लोगों की संख्या 46 हुई
दिल्ली दंगों में मरने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। सोमवार को दिल्ली दंगों में मरने वाले लोगों की संख्या 46 तक पहुंच गई है जिसमें 38 की मौत गुरुतेग बहादुर अस्पताल और तीन की लोक नायक अस्पताल, एक जगप्रवेश और चार की डॉक्टर राममनोहर लोहिया अस्पताल में हुई है। रविवार को गोकलपुरी और शिव विहार इलाके के नाले से चार और शव बरामद किए गए थे। हालांकि पुलिस के अनुसार यह स्पष्ट नहीं कि शवों का संबंध दंगों से है या नहीं।
पश्चिमी दिल्ली में फैली थी दंगों की झूठी खबर
पश्चिमी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में रविवार को उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया जब हिंसा की झूठी खबर फैली। इसके चलते दिल्ली मेट्रों ने भी बिना कारण बताए सात स्टेशनों को बंद कर दिया। हालांकि, पुलिस ने तुरंत इसका खंडन किया और लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने ब्रह्मपुरी सहित कुछ दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और गत तीन दशक में हुई सबसे भीषण हिंसा में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ”यह देखना बहुत दुखद है कि इतने सारे लोग हिंसा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हमें उन्हें इस सदमे से निकालना होगा और उनके जीवन को वापस पटरी पर लाना होगा।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में स्कूल सात मार्च तक बंद
उत्तर पूर्वी दिल्ली जिले में स्कूलों को सात मार्च तक बंद कर किया गया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने रविवार को कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बोर्ड परीक्षाएं कराने में और देरी से मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के छात्रों के अवसर प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, बोर्ड उन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा कराने को तैयार हैं जो उत्तरपूर्वी दिल्ली में हिंसा के चलते तय कार्यक्रम के अनुसार बोर्ड परीक्षाओं में नहीं बैठ पाये थे।