बिहार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष की जल्द नियुक्ति करे सरकार – आरिफ कमाल वीआईपी पार्टी

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नीतीश जी बिहार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति कब होगी, आरिफ कमाल वीआईपी पार्टी

विकासशील इंसान पार्टी के *राष्ट्रीय अध्यक्ष, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ व राष्ट्रीय प्रवक्ता, आरिफ कमाल* ने अपने प्रेस विज्ञप्ति में कहा है की बिहार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष का पद एक साल से रिक्त है इस कारण से मदरसा बोर्ड और मदरसों के कोई भी कार्य निष्पादन नहीं हो रहे है I मदरसा एवं मदरसा बोर्ड का कार्य पूरी तौर पर 1 साल से स्थगित है I यह सौतेला रवैया हमेश सिर्फ अल्पसंख्यक संस्थाओं के साथ ही होता है I अगर सरकार ने मदरसा बोर्ड की स्थापना की है तो उसकी देख-रेख और संस्था सही रूप से संचालित हो एवं उक्त संस्थानों में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन सही समय पर दीया जाइए, शिक्षण कार्य सही ढंग से हो इन सब की जिम्मेदारी सरकार की है साथ में इसकी जवाबदेही भी सरकार को लेनी चाहिए I अगर किसी संस्थान का सुप्रीमो 1 साल से नहीं होगा तो उक्त संस्था और उससे संबंधित संस्थाएँ सुचारू रूप से कैसे चलेगी I बिहार के तमाम अल्पसंख्यक संस्थाओं का यही हाल है इन संस्थानों में वर्षों से पद रिक्त है I
महागठबंधन की सरकार बनने के बाबाजूद इन संस्थानों की किस्मत नहीं पलटी, बल्की सरकार आंख-कान बंद कर के बैठी है और ये सभी अल्पसंख्य संस्थाएं बंद के कगार पर है इनमे कार्यरत कर्मचारी भुखमरी के शिकार हैं I बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से जानना चाह रहा हूं कि ये व्यवहार किया अन्य संस्थानों के साथ भी होगा? या सिर्फ अल्पसंख्यक संस्थानों के साथ ही होता रहेगा I
बिहार में पहले राजग की सरकार थी तो समझ में आ रहा था कि बीजेपी आपको रोक रही थी लेकिन अब ऐसा नहीं है बिहार मे जो सो कॉल्ड सेक्युलर पार्टियों की सरकार है, समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष पार्टियों की सरकार है फिर ये भेद-भाव अल्पसंख्यकों के साथ क्यू लगातार किया जा रहा है I एक तो नया नियमवाली 2022 मदरसों पर थोपा गया है उसके द्वारा मदरसों और बोर्ड में नए नियम लागू किए जा रहे हैं जबकि इस नियमवाली से मदरसों के विकास में कोई फायदा नहीं होने वाला है I सरकार को ये भी बताना चाहिए की मदरसों में इस नियमावली लागू करने के लिए जो फंड की आवश्यकता है वो कौन देगा? इसलिए मैं सरकार से अग्राह करता हूं कि बिहार मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति शीघ्र किया जाए उसके साथ साथ अन्य अल्पसंख्यक संस्थानों के भी रिक्त पदों को भरा जाए I