कोरोना वारस को लेकर जब यह बहस हो रही है कि क्या भारत में इस महामारी का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है और क्या यह 2 और 3 चरण में पहुंच चुका है, इस बीच दिल्ली के कुछ सीमित इलाकों से कम्युनिटी ट्रांसमिशन की खबर आ रही है।
स्वास्थ्य अधिकारियों की तरफ से यह कहा गया है कि वे उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन में 4 चार किलोमीटर के दायरे पर फोकस कर रहे हैं, जहां से कोविड-19 के कई केस सामने आए हैं।
कोरोना के कई मरीजों में उसके सोर्स का पता नहीं चल पाने की रिपोर्ट्स आने के बाद जानकारों का यह मानना है कि सीमित इलाकों में इस महामारी का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है। अधिकारियों ने यहां की चार जगहों को कंटेनमेंट घोषित कर दिया है। इन सभी में जिसे भी कोरोना हुआ है, उसके सोर्स का कुछ पता नहीं है। सोमवार को घोषित किए गए कंटेनमेंट इलाकों में से तीन हैं- जीटीबी एन्क्लेव के दो अलग ब्लॉक और एक दिलशाद कॉलोनी। अधिकारी इन इलाकों के कोरोना मरीजों का सोर्स पता करने में नाकाम रहे और आखिर किस वजह से यह बीमारी उन लोगों में हुई।
ये ऐसे वक्त पर हुआ है जब इस बात पर बहस हो रही है कि क्या भारत में कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो चुका है, जहां पर मरीजों के सोर्स का पता नहीं लगाया जा सकता है कि आखिर वह इस महामारी का कैसे शिकार हुआ। पहचान उजागर न करने की शर्त पर दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने हिन्दुस्तान टाइम्स से बताया, “जीटीबी एन्क्लेव के एक ब्लॉक में रहनेवाली दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की नर्स कोरोना और एक बुजुर्ग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। हम इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि आखिर वह इन्फेक्शन कहां से फैला।”
सोमवार को जीटीबी एन्क्लेव में रहनेवाली दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की 10 नर्स कोरोना पॉजिटिव पाई गई, जिसके बाद अस्पताल के कोरोना पॉजिटिव का आंकड़ा (2 डॉक्टर और 16 नर्स) बढ़कर 18 हो गया है। इसके बाद कैंसर इंस्टीट्यूड ने यह फैसला किया है कि वहां के सभी 48 मरीजों को कोरोना का टेस्ट कराया जाएगा।
दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यू के एक अधिकारी ने कहा, हमने सभी सैंपल कोविड-19 टेस्ट के लिए भेजा है। अगर वे निगेटिव पाए जाते हैं तो मरीजों को अन्य प्राइवेट अस्पतालों मे भेजा जाएगा। हालांकि, अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो उन्हें नजदीकी राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पीटल भेजा जाएगा।