लॉकडाउन में अन्य राज्यों से लौटने को इच्छुक श्रमिक और छात्रों को राज्य सरकार एक बड़ी राहत दी है। अगर अन्य राज्यों में फंसे श्रमिक व छात्र निजी बस किराया पर लेकर सामूहिक रूप से बिहार लौटना चाहते हैं तो सरकार निजी बस किराए का भुगतान करेगी। लेकिन निजी बस के किराए पर लेने के पहले उन्हें सरकार को सूचित करना होगा। बिहार लौटने के बाद सरकार किराये का भुगतान करेगी। दूसरे राज्यों में फंसे छात्र पास लेकर छोटे निजी वाहन किराए पर लेकर बिहार लौट सकते हैं लेकिन उन्हें कोई किराया का भुगतान नहीं किया जाएगा।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अन्य राज्यों से निजी बसों से आने वाले श्रमिकों और छात्रों को राज्य सरकार के गाइड लाइन का फॉलो करना होगा। विभिन्न राज्यों से आये लोगों को गाँव तक पहुचाने के लिए बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देश के आलोक में परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
परिवहन सचिव ने बताया कि कोरोना वायरस के संभावित संक्रमण से बचाव के लिए यात्रियों को बस में बैठने से पूर्व और गंतव्य पर उतराने के बाद बसों को सेनेटाइज किया जाएगा। बसों में बैठने वाले यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का पालन करेंगे। सभी चेकपोस्टों पर जिला परिवहन पदाधिकारी की तैनाती की गई है। उनके देख रेख में बसों का परिचालन किया जा रहा है। विभिन्न चेकपोस्ट पर ही लोगों के उतरने के बाद मेडिकल जांच की व्यवस्था की जाएगी। मेडिकल जांच में कोरोना वायरस संदिग्ध पाए जाने पर श्रमिकों व छात्रों को आइसोलेट के लिए भेज दिया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों से बिहार आये बिहारवासियों को किसी तरह की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े इसके लिए यह व्यवस्था की गई है।