जो कमाल कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी नहीं कर पाए क्या वो विराट कोहली कर पाएंगे?

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नई दिल्‍ली: मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया टीम पांच एकदिवसीय और तीन टी-20 मैच खेलने के लिए भारत के दौरे पर है. दोनों टीमों के बीच दो एकदिवसीय मैच खेले जा चुके हैं और भारत कोहली की कप्तानी में दोनों मैच को जीतकर सीरीज में 2-0 से आगे है. चेन्नई में खेले गए पहले वनडे मैच को भारत ने 26 रन से जीता था जबकि दूसरे एकदिवसीय मैच में कप्तान विराट कोहली के शानदार 92 रन और कुलदीप यादव की हैट्रिक के साथ भारत इस मैच को 50 रन से जीतने में कामयाब रहा था. रविवार यानी कल इंदौर में खेले जाने वाले तीसरे एकदिवसीय मैच को अगर टीम इंडिया जीत जाती है तो कोहली की कप्तानी में भारत, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहली सीरीज जीतने में कामयाब होगा. अगर बाइलेटेरल सीरीज की बात की जाए तो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है. दोनों टीमों के बीच अभी तक आठ बाइलेटेरल सीरीज खेली जा चुकी हैं जिसमें ऑस्ट्रेलिया पांच सीरीज जीतने में कामयाब रहा है जबकि भारत सिर्फ तीन सीरीज जीत पाया है.

अपना पहला पहला सीरीज में इस खिलाड़ी का शानदार प्रदर्शन
दोनों टीमों के बीच पहली सीरीज 1984 में खेली गई थी. तब ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया था. सुनील गावस्कर की कप्तानी में भारत पांच मैचों की सीरीज को 3-0 से हार गया था. 1986 में 6 मैचों की एकदिवसीय सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया था तब टीम इंडिया के कप्तान कपिल देव थे. भारत ने इस सीरीज को 3-2 से जीत लिया था. इस सीरीज में रमन लांबा ने शानदार प्रदर्शन किया था. लांबा के बल्ले से एक शतक और दो अर्धशतक आए थे. शानदार प्रदर्शन के लिए रमन लांबा “मैन ऑफ़ द सीरीज” भी बने थे. अपने डेब्यू मैच में लांबा ने 64 रन बनाए थे. इस सीरीज के चौथे मैच में लांबा के बल्ले से 74 रन आए थे. भारत ने इस मैच को तीन विकेट से जीता था. सीरीज के आखिरी मैच में लांबा ने 102 रन बनाए थे. सिर्फ 38 साल की उम्र में रमन लांबा की मौत हो गई थी, वह भी क्रिकेट गेंद लगने की वजह से. 1998 में लांबा जब बांग्लादेश में क्लब मैच खेल रहे थे तब फील्डिंग के दौरान सिर में गेंद लगने की वजह उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया था जहां उनका देहांत हो गया था.

कपिल के बाद कोहली के सामने एक मौका
1986 के बाद भारत लगातार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हारता चला गया. 2001 में पांच मैचों की सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने भारत का दौरा किया था और सौरभ गांगुली की कप्तानी में भारत इस सीरीज को 3-2 से हार गया था. 2007 और 2009 में सात-सात एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेलने के लिए ऑस्ट्रेलिया भारत आया था. महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत दोनों सीरीज को 4-2 से हार गया था. 2010 में 24 साल के बाद भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज जीतने में कामयाबी हासिल की थी. 2010 में भारत में हुए तीन मैचों की एकदिवसीय सीरीज को धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया 1-0 से जीतने में कामयाब हुई थी. फिर 2013 में दोनों टीम के बीच खेले गए सात मैचों की सीरीज को भारत 3-2 से जीतने में कामयाब हुआ था. अगर रविवार को भारत मैच जीतकर सीरीज जीत जाता है तो कपिल देव के बाद विराट कोहली दूसरे कप्तान होंगे जो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपनी पहली वनडे सीरीज जीतने में कामयाब होंगे.

जो कपिल और धोनी नहीं कर पाए क्या वह विराट कोहली कर पाएंगे?
इस सीरीज में विराट कोहली के पास एक खास रिकॉर्ड बनाने का भी मौक़ा है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 33 सालों के एकदिवसीय मैचों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है जब भारत ने किसी सीरीज में क्लीन स्वीप किया हो. अगर कोहली की कप्तानी में भारत इस सीरीज के सभी मैच जीता जाता है तो यह खास रिकॉर्ड बन जाएगा. अगर टीम इंडिया चार मैच भी जीत जाती है तब भी पहली बार होगा जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी बाइलेटेरल सीरीज में भारत चार मैच जीतने का गौरव हासिल करेगा. ऐसे भी इस सीरीज के पहले दो मैच जीतकर कोहली कुछ खास कर चुके हैं. आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ है जब भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए द्विपक्षीय एकदिवसीय सीरीज में भारत लगातार पहले दो मैच जीता हो. लेकिन मौजूदा सीरीज में कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया पहले दो मैच जीत कर 2-0 से आगे है.