टोल प्लाजा में MLA और सांसदों की अलग लेन से होगी एंट्री

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Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath along with yog guru Baba Ramdev and Yogi Bharat Bhushan at Uttar Pradesh Yog Mahotsav Progrramme in Lucknow on wednesday. Yogi attend first public function being a Chief Minister.Express photo by Vishal Srivastav 29.03.2017

लखनऊः सांसदो और विधायकों के लिए टोल प्लाजा पर अलग लेन निर्धारित करने के योगी सरकार के दिशा निर्देश ने उत्तर-प्रदेश में विपक्ष को बैठे बिठाए सरकार को घेरने का एक मुद्दा दे दिया है। पिछली 15 जुलाई को सूबे के सभी जिलाधिकारियों को भेजे गए पत्र के माध्यम से अपर मुख्य सचिव सदाकांत ने केन्द्र के नियमो का हवाला देकर कहा है कि सांसद विधायक अथवा विधान परिषद सदस्य से टोल टैक्स की वसूली ना की जाए।

पत्र में लिखा है कि सभी जिलाधिकार यह सुनिश्चित करे कि उनके न्यायधिकरण के तहत पडने वाले टोल प्लाजा पर सांसदो और विधायकों को ट्रैफिक जाम की दशा में अलग लेन उपलब्ध कराई जाए। इस मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से सहयोग की आशा की जाती है कि विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम की भत्र्सना करते हुए कहा कि एम्बुलेंस समेत आपात स्थिति में लगे अन्य वाहनों को अलग लेन उपलब्ध कराने के बजाय राजनीतिज्ञों के लिए यह व्यवस्था करना बेतुका कदम है।

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यदेव त्रिपाठी ने कहा कि सरकार एक तरफ वीआईपी संस्कृति समाप्त करने की बड़ी-बड़ी बाते कर रही है। इसके लिए सरकारी वाहनों से लाल नीली बत्ती उतारी गई वहीं इस तरह के आदेश वीआईपी संस्कृति को बढावा ही देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के नए दिशा निर्देश से टोल प्लाजा संचालकों की मुसीबतो में इजाफा होना तय है। अलग लेन सिर्फ एम्बुलेंस और दमकल समेत आपातकालीन सेवाओं में लगे अन्य वाहनों के लिये होनी चाहिए। राजनीतिज्ञों के वाहनों के लिए अलग लेन का कोई औचित्य नही है।

इस बीच प्राधिकरण के एक अधिकारी ने कहा कि सांसद और विधायक अधिकतर लाव लश्कर के साथ चलते है। उनके वाहन के पीछे 4-5 लक्जरी वाहनों का काफिला होता है। सांसद विधायक के वाहन से टोल टैक्स नही लिया जाता मगर नियमानुसार उनके साथ चल रहे अन्य वाहन चालकों से टोल टैक्स लेना जरूरी होता है जिसे देना उन्हे मंजूर नही होता। जब अलग लेन होगी तब यह समस्या और जटिल हो जाएगा।