दिल्ली : तेज हवा के कारण प्रदूषण के स्तर में आ रही है कमी, गुणवत्ता फिर भी बनी हुई है खराब

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नई दिल्ली: दिवाली के बाद दिल्ली की वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ स्थिति तक पहुंचने के एक दिन बाद शनिवार को तेज हवा के कारण प्रदूषकों की मात्रा में उल्लेखनीय कमी आई लेकिन राष्ट्रीय राजधानी की हवा की गुणवत्ता अब भी खराब बनी हुई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने शुक्रवार को उच्च प्रदूषण स्तर में कमी का श्रेय शीतल हवाओं और मिश्रण की कम ऊंचाई (जहां हवा और सूक्ष्म धूलकण मिलते हैं) को दिया. बोर्ड का कहना है कि अगर परिस्थितियां रविवार को भी अनुकूल रहीं तो स्थिति में सुधार हो सकता है.

सीपीसीबी के वायु प्रयोगशाला के प्रमुख दीपांकर साहा ने बताया, ‘हवा की गति के और तेज होने और नौ किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंचने की संभावना है जो इन धूलकणों को अलग करने के लिहाज से पर्याप्त होगा.

शुक्रवार और उससे एक दिन पहले हवा की गति और मिश्रण ऊंचाई के बहुत नीचे होने के कारण सतह के निकट तेजी से प्रदूषक अलग हुए.’ प्रदूषण निगरानी केंद्रों में भी यह सुधार दर्ज हुआ. पृथ्वी विज्ञान विभाग के अंतर्गत काम करने वाली एजेंसी सफर (वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली) के आठ में से छह केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में रखा है जो ‘गंभीर’ से नीचे है.

सीपीसीबी के 17 में से नौ केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘बहुत खराब’ बताया जबकि अन्य के मुताबिक हवा में प्रदूषक का स्तर ‘गंभीर’ स्थिति में है. ‘बहुत खराब’ वायु के संपर्क में लंबे समय तक रहने से लोगों में सांस संबंधी विकार विकसित हो सकते हैं. ‘गंभीर’ स्तर की वायु से स्वस्थ लोग प्रभावित हो सकते हैं जबकि पहले से श्वसन और हृदय संबंधी बीमारियों से पहले से पीड़ित लोगों की स्थिति और गंभीर हो सकती है.