दिल्ली हिंसा: बेटी को सौंपे जाएंगे दंगे में मारे गए व्यक्ति के जले हुए अवशेष

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उत्तर पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा में अपने पिता को खोने के 3 महीने बाद एक महिला उनका कफन-दफन कर पाएगी क्योंकि दिल्ली की एक अदालत ने पुलिस जांच के लिए रखे गए महिला के पिता के जले हुए अवशेष बेटी को सौंपने की अनुमति दे दी है। गुलशन ने अपने पिता के अवशेष उसे सौंपे जाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था ताकि वह उनका कफन-दफन कर सके। 

गुलशन के पिता को दंगे के दौरान कथित तौर पर भीड़ ने गोली मारकर आग में झोंक दिया था। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ऋचा परिहार ने करावल नगर पुलिस थाने के प्रभारी (एसएचओ) को मृतक के अवशेष मानवीय संवेदनाओं और सम्मान के साथ सौंपने का निर्देश दिया। अदालत ने एक हालिया आदेश में कहा, मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करने के बाद याचिका को अनुमति दी जाती है। 

पुलिस थाना करावल नगर के एसएचओ को निर्देश दिया जाता है कि वह मालखाना में जमा मृतक के अवशेष मानवीय संवेदनाओं और सम्मान का ध्यान रखते हुए याचिकाकर्ता गुलशन को सौंप दें। अदालत ने मामले के जांच अधिकारी को यह भी निर्देश दिया कि गुलशन को सभी प्रकार का सहयोग और सहायता दी जाए ताकि उन्हें अनावश्यक देर और असुविधा का सामना न करना पड़े।