पाकिस्तान सरकार ने माना, हाफिज़ सईद आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है

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लाहौर: पाकिस्तान सरकार ने माना है कि हाफिज़ सईद आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है. इसलिए उसे नज़रबंद रखा गया है. आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने ज्यूडीशियल रिव्यू बोर्ड के सामने उसकी नज़रबंदी को सही ठहराते हुए ये बात कही है.

हाफिज़ सईद और उसके चार साथी जेहाद के नाम पर आतंकवाद फैला रहे हैं. ये कहना है पाकिस्तान के गृह मंत्रालय का. इसी आधार पर पाकिस्तान की सरकार ने हाफ़िज़ सईद की नज़रबंदी को सही ठहराया है. हालांकि हाफ़िज़ सईद पर ये आरोप पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी गतिविधियां चलाने को लेकर है.

सईद शनिवार को न्यायिक समीक्षा बोर्ड के समक्ष पेश हुआ और उसने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने कश्मीरियों की आवाज बुलंद करने से रोकने के लिए उसे नजरबंद किया. बहरहाल, गृह मंत्रालय ने उसकी दलीलों को खारिज कर दिया और तीन सदस्यीय बोर्ड से कहा कि सईद और उसके चार साथियों को ‘जिहाद के नाम पर आतंकवाद फैलाने’ के लिए नजरबंद रखा गया है.’

न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान (सुप्रीम कोर्ट), न्यायमूर्ति आएशा ए मलिक (लाहौर हाई कोर्ट) और न्यायमर्ति जमाल खान मंदोखल (बलूचिस्तान हाई कोर्ट) की मौजूदगी वाले बोर्ड ने मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह सईद और उसके चार साथियों – जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद, अब्दुल्ला उबैद और काजी कासिफ नियाज को नजरबंद किए जाने को लेकर 15 को होने वाली अगली सुनवाई पर पूरा रिकॉर्ड सौंपे. बोर्ड ने यह भी कहा कि अगली सुनवाई पर पाकिस्तान के एटॉर्नी जनरल खुद उपस्थित हों.

पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच सईद और उसके चार साथियों को बोर्ड के समक्ष पेश किया था. इस मौके पर सईद के समर्थक अदालत के बाहर जमा थे. सईद के वकील एके डोगर भी मौजूद थे, लेकिन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने अदालत के समक्ष खुद ही अपनी दलील रखने का फैसला किया. उसने कहा, ‘सरकार की ओर से मेरे के खिलाफ लगाए गए आरोप किसी सरकारी संस्था द्वारा कभी साबित नहीं हुए. कश्मीर की आजादी के लिए आवाज बुलंद करने और कश्मीर मुद्दे पर सरकार की कमजोर नीति की आलोचना करने की वजह से मेरे संगठन और मुझे निशाना बनाया गया है.’

हाफिज़ सईद 30 जनवरी से नज़रबंद है और 30 अप्रैल को उसकी मियाद 90 दिनों के लिए और बढ़ा दी गई. अपनी इसी नज़रबंदी के खिलाफ हाफ़िज़ सईद ने अर्जी दी है जिसकी सुनवाई चल रही है. सीमापार से भारत में आतंकवाद भेजने वाले हाफ़िज़ सईद की दलील है कि कश्मीर की आवाज़ उठाने की वजह से उसे नज़रबंद किया गया है. ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज़ सईद के खिलाफ पर्याप्त सबूत न होने की बात कही और वह उस मामले में रिहा हो गया.

पाकिस्तान के रवैये में बदलाव की वजह अमेरिका की धमकी है. अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्‍तान हाफिज़ सईद के खिलाफ़ कार्रवाई करे नहीं तो प्रतिबंध को तैयार रहे. इसके बाद ही पाकिस्तान ने हाफ़िज़ सईद पर एंटी टेररिस्ट एक्ट लगाया.

लेकिन पाकिस्तान अब भी मुंबई हमला मामले में सईद के खिलाफ भारत के दिए सबूत पाकिस्तान की अदालत में पेश कर उसे सज़ा दिलाएगा इस पर शक बरक़रार है.