पिछले महिने से ही बिहार के हालात को बिगाड़ दिया गया। बिहार के हालात को बिगाड़ने और दंगा भड़काने में सिर्फ तीन लोगों का हाथ है। हांलांकि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन चाहती तो बिहार का दूसरा जिला दंगा की चपेट में नहीं आता। क्योंकि दरभंगा के मामले के बाद ही रामनवमी का त्यौहार था तो सरकार को भाजपाई की मंशा समझ में आ जानी चाहिए थी कि जो मामला आपसी जमिनि विवाद का था उसे हिन्दू-मुस्लिम बनाने के लिए गिरिराज सिंह पूरे दलबल के साथ घटना स्थल पर पहूंच दंगा भड़काने का काम किया था जिसे दरभंगा की प्रशासन ने नाकाम कर दिया लेकिन पता नहीं दरभंगा के बाद किस के दबाव में नीतीश कुमार जी ने बिहार के दूसरे जिला को दंगा के हवाले छोड़ दिया। दरभंगा से इसकी शुरूआत की गई गिरिराज सिंह ने दरभंगा में मोदी चैक के नाम पर दंगा भड़काने और अपने ही पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे बाजी कराया और सरकार से इसकी शिकायत तक कर दी के पुलिस प्रशासन गलत है। फिर देखते ही देखते भागलपुर में भाजपा के मंत्री अश्विनी चैबे के बेटे ने बिना अनुमति के भगवा रैली निकालकर दंगा भड़का दिया जिसमें बड़े पैमाने पर मुसलमानों का नुकसान हुआ। भगलपुर दंगा का मुख्य आरोपी है अश्विनी चैबे का बेटा उसके खिलाफ पुलिस नें गिरफ़्तारी वारंट जारी कर रखा है उसके बावजूद वह पटना में रामनवमी के त्यौहार के मौके पर मुख्यमंत्री आवास के करीब में ही रामनवमी जुलूस का लाईव चला रहा था लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई।जिस से साफ पता चलता है कि ये बिना नीतीश कुमार के सहमति के दंगा नहीं हो रहा है। जिससे ने सिर्फ सुशासन बाबु के न्याय के साथ विकास के दावा की पोल खुलती नजर आ रही है बल्कि बिहार में कानून के राज्य का भी मजाक बन गया है। जब भाजपा नेताओं का इससे भी मन नहीं भरा तो तीसरा दंगा औरंगाबाद में शुरू कर दिया जहां मुसलमानों के कब्रिस्तान के अन्दर संप्रदायिक शक्तियों ने भगवा झण्डा गार दिया और जय श्री राम का नारा भी जमकर लगाया। चौथा दंगा कल समस्तीपुर के रोसड़ा में जानबूझ कर किया गया और मुसलमानों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहूंचाया। इतना ही नहीं मस्जिदों के उपर भगवा झण्डा लगा दिया गया। मदरसों के अन्दर की सारी किताबें जला दी गई और सैकड़ों मकानें और दुकानें आग की नजर कर दी गई। हद तो तब हो गई कि यह सारा खेल जिल प्रशासन के सामने खेला गया और जिला प्रशासन मुकदर्शक बनी रही। वहीं कुछ लोगों ने नवादा में भी दंगा भड़काने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। जब इतना से भी मन नहीं भरा तो आज मुंगेर में भी दंगा करा दिया गया। सारे दंगे पर राज्य के मुखिया की खामोशी ने संप्रदायिक शक्तियों के मनोबल को बढ़ाने का काम कर रहा है। ऐसा लगता है न्याय के साथ विकास, बिहार में कानून का राज्य और दंगाईयों के किसी भी मिशन को कामयाब नहीं होने देंगे का सुशासन बाबु का नारा पुरी तहर से फेल हो गया है और संप्रदायिक शक्तियों की गिरफत में चले गए हैं मुख्यमंत्री जी। मुख्यमंत्री जी बिहार मुस्लिम युवा मोर्चा आपसे विनम्र निवेदन करता है कि पहले वाला बिहार वापस ला दिजिए और दंगा नंगा मुक्त बिहार बना दिजिए। आपसे जनता को उम्मीद है कि आप आज भी अगर चाह लेंगे तो बिहार से गिरिराज सिंह, अश्विनी चैबे जैसे नेता को खदेर कर भगा सकते हैं। अश्विनी चैबे के बेटा को जेल में डाल सकते हैं। बिहार एक अमन पसंद राज्य है यहाँ कभी भी जनता ने संप्रदायिक शक्तियों को पनपने नहीं दिया लेकिन इधर जबसे आप एनडीए गठबंधन से हाथ मिलाया है ऐसा लगता है कि भाजपा आप पर हावी हो गई है मुख्यमंत्री जी। आपका पुलिसिया तंत्र, आपके वरिष्ठ अधिकारी दंगा पर नियंत्रण करने में पुरी तरह असफल हो चुके हैं।