बिहार: बिजली उपभोक्ताओं को बिजली मीटर रेंट से मिल सकती है राहत

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बिहार के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने के आसार हैं। हर महीने मीटर रेंट के नाम पर पैसा भुगतान कर रहे उपभोक्ताओं को इससे निजात मिल सकती है। एक अप्रैल से लागू होने वाली नई बिजली दर तय कर रहा बिहार विद्युत  विनियामक आयोग इस पर गंभीरता से काम कर रहा है। इसकी पूरी संभावना है कि इस बार नई दर में उपभोक्ताओं से हर महीने वसूले जा रहे मीटर रेंट से मुक्ति मिल जाए।

आयोग बना रहा है यह आधार
आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी का तर्क है कि बिजली कंपनी मीटर की खरीद थोक भाव में करती है जिससे उसे काफी कम पैसे खर्च होते हैं। जबकि कंपनी उपभोक्ताओं से अनंत काल तक मीटर के नाम पर पैसे वसूल करती रहती है। आयोग यह व्यवस्था देगा कि कंपनी चाहे तो वह नए कनेक्शन के समय ही उपभोक्ताओं से एकमुश्त राशि ले, ताकि लोगों के लिए वह आर्थिक बोझ साबित न हो।

हर साल करोड़ों की वसूली
बिहार में अभी एक करोड़ 58 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं। कंपनी हर महीने मीटर के नाम पर अगर एक रुपये की भी वसूली करती है तो वह हर महीने डेढ़ करोड़ से अधिक और सालाना 18 करोड़ से अधिक की वसूली कर रही है, जबकि मीटर रेंट के नाम पर 50 रुपये से लेकर एक हजार तक की वसूली हो रही है।

मीटर का गणित
कंपनी अधिकारियों के अनुसार पहले के वर्षों में लगने वाले मीटर की कीमत बमुश्किल 500 होती थी। अभी एक मीटर पर औसतन 11-1200 रुपये खर्च हो रहे हैं। आने वाले दिनों में स्मार्ट मीटर लगाया जाना है जिस पर लगभग 2500 खर्च होंगे। इस अनुपात में देखें तो कंपनी के मीटर की लागत दो-तीन वर्षों में ही वसूल हो जाती है पर उपभोक्ता अनंत काल तक मीटर किराया देते रहते हैं। हालांकि कंपनी की ओर से मीटर जलने पर उसे बदलने का प्रावधान है पर अमूमन स्थानीय कर्मी उपभोक्ताओं से इस मद में भी सुविधा शुल्क की वसूली कर लेते हैं।