बीफ पर बवालः ममता ने पूछा- रमजान से पहले ही क्यों? येचुरी ने बताया हिंदुत्ववादी एजेंडा

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पशु बिक्री पर बैन को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया(मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी ने एक सुर में केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. येचुरी ने इसे हिंदुत्ववादी एजेंडा बताया है, तो ममता ने कहा कि केंद्र का यह फैसला रमजान महीने से पहले ही क्यों?

येचुरी ने पशु बिक्री पर बैन को मोदी सरकार की हिंदुत्ववादी विचारधारा का प्रमोशन बताया. पार्टी के महासचिव ने केंद्र सरकार हमला बोलते हुए कहा कि यह नागरिकों के मूलभूत अधिकारों पर हमला है.

येचुरी ने कहा कि कोई भी यह तय नहीं कर सकता कि कौन क्या खाएगा और क्या नहीं खाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर राजनीति इसको बढ़ावा देती है तो यह भयावह साबित होगा, क्योंकि इसके पीछे राजनीतिक एजेंडा है. येचुरी ने सवाल किया कि मोदी सरकार कर क्या रही है?

केंद्र की ओर से हिंदुत्ववादी विचारधारा को बढ़ावा दिए जाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र को नौकरी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि ये लोग युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं. हमारी चिंता युवाओं को नौकरी, स्वास्थ्य और शिक्षा देकर बेहतर भविष्य बनाने की है, लेकिन यह केंद्र के लिए चिंता का विषय नहीं है.

ममता ने पूछा- रमजान से पहले क्यों?
दूसरी ओर ममता ने कहा कि रमजान का महीना चल रहा है और केंद्र सरकार एकतरफा तरीके से निर्णय ले रही है कि लोग क्या खाएंगे और क्या नहीं. क्या बेचा जाएगा और क्या नहीं बेचा जाएगा.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं शाकाहारी हूं और यह मानती हूं कि पेड़ों में भी जीवन होता है. फिर हमें पेड़ भी नहीं काटना चाहिए. साथ ही हम गौ माता का भी सम्मान करते हैं.’

केंद्र सरकार के पशु वध प्रतिबंध को ममता बनर्जी असंवैधानिक बताया. और कहा कि केंद्र सरकार से गुजारिश है कि राज्य के मामलों में दखल न दे.

ममता ने लालबत्ती बैन पर उठाया सवाल
इसके साथ ही उन्होंने लालबत्ती के मसले पर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि राज्य सरकार यह निर्णय करेगी कि किसे लालबत्ती दी जाए और किसे नहीं. उन्होंने कहा कि हमने केंद्र के फैसले पर आपत्ति जताई है. हालांकि इस दौरान ममता बनर्जी ने कोलकाता के इमाम बरकती के मामले का जिक्र नहीं किया.

बता दें कि केंद्र सरकार ने पशु बाजारों में वध के लिए मवेशियों की बिक्री पर रोक लगा दी है. इस फैसले के विरोध में विरोध केरल और तमिलनाडु जैसे दक्षिण भारत के राज्यों में कड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है. केरल के कुन्नूर में एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक रूप से गौवंश का वध कर डाला.

8.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात
येचुरी ने कहा कि भारत हर साल 8.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर का मांस विदेशों को निर्यात करता है. ऐसे में प्रतिबंध के नए फैसले से आर्थिक समस्या खड़ी होगी और देश के युवाओं का भविष्य बर्बाद हो जाएगा.

बता दें कि इससे पहले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता डी. राजा ने केंद्र के फैसले को अतार्किक बताते हुए कहा था कि फैसले से देश में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो सकते हैं.

गौरतलब है कि केरल सहित दक्षिण भारत के कई राज्यों में केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है. वहीं बीजेपी शासित मणिपुर में फैसले के खिलाफ जनता में आक्रोश उभर रहा है.