बेला औद्योगिक क्षेत्र में भी घुसा बाढ़ का पानी

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मिठनपुरा चौक व नारायणपुर इलाके में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। देर रात तक पानी प्रवेश करने की आशंका जताई जा रही है। दीघरा में पानी तेजी से बढ़ रहा है। बेला-दीघरा रोड पर करीब आधा फीट पानी का बहाव हो रहा है। अहियापुर के भी कई इलाकों में पानी घुस गया है। वहीं सकरा व कुढ़नी प्रखंड के मनियारी में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। जबकि मुरौल व बोचहां प्रखंड के कई नए इलाकों में भी पानी तेजी से फैल रहा है। मुशहरी, बंदरा, मोतीपुर, मीनापुर व गायघाट मेंजलस्तर में कमी आई है। हालांकि मुजफ्फरपुर-पूसा रोड पर अब भी दो-तीन फीट पानी है। बीएमपी छह, फैज कॉलोनी, सर सैयद कॉलोनी व मालीघाट में धीरे-धीरे पानी कम होने लगा है। जबकि रामबाग चौरी, शास्त्री नगर, मिठनपुरा स्थित चर्च रोड में नाला व बाढ़ के पानी के सड़ाध से लोगों का जीना दूभर हो रहा है। रामबाग चौरी व शास्त्री नगर के प्रभावित लोगों ने गोशाला रोड स्थित नाले को काटने के लिए खादी भंडार चौक पर सात घंटे हंगामा किया। टायर जलाकर प्रदर्शन किया। समझाने पहुंचे मेयर, नगर आयुक्त, एडीएम, सिटी एसपी व टाउन डीएसपी को घंटों घेरे रखा। इस दौरान पुलिस से नोकझोंक भी हुई। काफी समझाने के बाद लोग शांत हुए।

उधर, बाढ़ में डूबने से आश्रमघाट में राजेश कुमार व आकाश कुमार की मौत हो गई। जबकि बंदरा के शंकरपुर टोला निवासी आदित्य कुमार का शव 15 घंटे बाद मिला। वहीं बोचहां के बसौली विशनपुर नारायण निवासी महवर देवी की डूबने से मौत हो गई। बूढ़ी गंडक के जलस्तर में 12 सेमी की कमी आई है।

मनियारी में दो दर्जन गांवों में घुसा पानी

मनियारी रघुनाथपुर मधुबन, चैनपुर वाजिद, हरिशंकर मनियारी व अमरथ पंचायत के दो दर्जन से अधिक गांवों में पानी प्रवेश कर गया है। लोग सड़कों पर आश्रय लिए हुए हैं।

मुरौल के सात पंचायत बाढ़ से घिरे

मुरौल प्रखंड के नौ में से सात पंचायत बाढ़ के पानी से पूरी तरह घिर गए हैं। सादिकपुर मुरौल, मीरापुर व पिलखी पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। वहीं तेतरा विशुनपुर, तितरा आशानंद, विद्याझाप, थतिया, गोवर्धनपुर, बगाही व खरौना में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है।

सकरा की दो पंचायतें भी डूबीं

सकरा प्रखंड में कई पंचायतों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। सकरा वाजिद व सकरा फरिदपुर पंचायत में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। पानी धीरे-धीरे एनएच 28 स्थित पुलिया से होकर सबहा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इससे उन इलाकों के ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं।

दो घंटे पर दो सेमी गिर रहा जलस्तर

बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है, लेकिन अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। हर दो घंटे पर दो सेंटीमीटर पानी घट रहा है। वाल्मीकिनगर बराज से 83 हजार नौ सौ क्यूसेक पानी छोड़ा गया|