मधुबनी युवा राजद के द्वारा पार्टी कार्यालय पर मनाया गया राममनोहर लोहिया की 113 वी जयंती 

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मधुबनी युवा राजद के जिला अध्यक्ष इंद्रभूषण यादव की अध्यक्षता में पार्टी कार्यालय पर मनाया राममनोहर लोहिया की 113 वी जयंती

राष्ट्रीय जनता दल प्रदेश इकाई के निर्देश पर युवा राजद जिला कार्यालय मधुबनी में युवा जिला अध्यक्ष इंद्रभूषण यादव के अध्यक्षता में डॉ. राममनोहर लोहिया का 113 वीं जयंती मनाया गया जयंती पर वक्ताओं ने कहा कि देश की राजनीति में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद ऐसे कई नेता हुए जिन्होंने अपने दम पर शासन का रुख बदल दिया जिनमें से एक थे राममनोहर लोहिया। स्वतंत्र भारत की राजनीति और चिंतन धारा पर जिन गिने-चुने लोगों के व्यक्तित्व का गहरा असर हुआ है, उनमें डॉ. राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण प्रमुख रहे हैं। भारत के स्वतंत्रता युद्ध के आखिरी दौर में दोनों की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण रही है।

अगर जयप्रकाश नारायण ने देश की राजनीति को स्वतंत्रता के बाद बदला तो वहीं राम मनोहर लोहिया ने देश की राजनीति में भावी बदलाव की बयार आजादी से पहले ही ला दी थी। अपनी प्रखर देशभक्ति और तेजस्‍वी समाजवादी विचारों के कारण वह अपने समर्थकों के साथ ही अपने विरोधियों के मध्‍य भी अपार सम्मान हासिल किया। 1933 में मद्रास पहुंचने पर लोहिया गांधीजी के साथ मिलकर देश को आजाद कराने की लड़ाई में शामिल हो गए। इसमें उन्होंने विधिवत रूप से समाजवादी आंदोलन की भावी रूपरेखा पेश की। सन् 1935 में उस समय कांग्रेस के अध्‍यक्ष रहे पंडित नेहरू ने लोहिया को कांग्रेस का महासचिव नियुक्‍त किया।

बाद में अगस्‍त 1942 को महात्‍मा गांधी ने भारत छोडो़ आंदोलन का ऐलान किया जिसमें उन्होंने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और संघर्ष के नए शिखरों को छूआ। जयप्रकाश नारायण और डॉ. लोहिया हजारीबाग जेल से फरार हुए और भूमिगत रहकर आंदोलन का शानदार नेतृत्‍व किया। लेकिन अंत में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और फिर 1946 में उनकी रिहाई हुई।

डॉ. लोहिया मानव की स्थापना के पक्षधर समाजवादी थे। वह समाजवादी भी इस अर्थ में थे कि, समाज ही उनका कार्यक्षेत्र था और वह अपने कार्यक्षेत्र को जनमंगल की अनुभूतियों से महकाना चाहते थे। वह चाहते थे कि व्यक्ति-व्यक्ति के बीच कोई भेद, कोई दुराव और कोई दीवार न रहे। सब जन समान हो, सब जन का मंगल हो।उन्होंने सदा ही विश्व-नागरिकता का सपना देखा था। वह मानव-मात्र को किसी देश का नहीं बल्कि विश्व का नागरिक मानते थे। जनता को वह जनतंत्र का निर्णायक मानते थे। जयंती समारोह में राजद के वरिष्ठ नेता रामकुमार यादव, अरुण कुमार चौधरी, युवा राजद के प्रदेश सचिव कुमार आलोक, सलेंद प्रसाद यादव ,उर्फ बाबा, जिला प्रवक्ता इंद्रजीत राय, प्रखंड प्रधान महासचिव गंगा प्रसाद चौधरी,आपदा प्रकोष्ठ जिला अध्यक्ष संजय कुमार यादव,मो असरफ रशीद, राजेंद्र यादव,मो.अनस सहित अन्य ने भाग लिया।