मानव तस्करी का हब बना कटिहार, नेपाल बॉर्डर पर रोज पकड़े जा रहे चार मामले

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कटिहार । भारत-नेपाल एवं भूटान सीमा मानव तस्करी को लेकर संवेदनशील बनता जा रहा है। भारत-नेपाल सीमा पर पिछले एक वर्ष में मानव तस्करी के करीब 1500 मामले सामने आए हैं। एसएसबी द्वारा 600 बच्चों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया है। इस संबंध में 500 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

मानव तस्करी के बढ़ते मामलों को देखते हुए सशस्त्र सीमा बल ने सीमाई इलाकों में विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया है। रक्सौल, जोगबनी, गलगलिया समेत अन्य इंट्री प्वाइंट्स के अलावा सीमा क्षेत्र से सटे गांवों में अभियान चलाया जाएगा।

एसएसबी इस काम के लिए दो जागरूकता रथों का भी सहारा लेगा। डाक्यूमेंट्री व नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। एसएसबी द्वारा मानव तस्करी को लेकर कराए गए सर्वे में खुलासा हुआ है कि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे-बच्चियां मानव तस्करी की अधिक शिकार हो रही हैं। स्कूलों व मदरसों में भी यह अभियान चलेगा।

सर्वे में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि मानव तस्करी के अधिकांश मामलों में स्थानीय पुलिस पूरी तरह गंभीर नहीं होती है। इस कारण सीमाई इलाकों में ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं। सबसे अधिक परेशानी नेपाल एवं भूटान मूल के बच्चों को रेसक्यू कराने के बाद वापस उन्हें उनके देश भेजने में कागजी औपचारिकता को लेकर भी हो रही है। ऐसे मामलों के त्वरित निपटारे के लिए गृह मंत्रालय द्वारा एसओपी का ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है।

मानव तस्करों की नजर नेपाली युवतियों एवं बच्चों पर अधिक है। बड़े शहरों के ब्यूटी पॉर्लरों में रोजगार दिलाने एवं अन्य प्रलोभन देकर इन्हें मानव तस्करी का शिकार बनाया जा रहा है।

भारत-नेपाल व भारत-भूटान सीमा मानव तस्करी को लेकर संवेदनशील है। पिछले एक वर्ष में एसएसबी ने 600 बच्चों को तस्करों से मुक्त कराया है। इस संबंध में 500 से अधिक मामले दर्ज कराए गए हैंं। सशस्त्र सीमा बल मानव तस्करों के विरुद्ध अभियान चलाएगा। सीमाई इलाकों में इसे लेकर दो जागरूकता रथ भी निकाले जाएंगे। स्कूल व मदरसों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।