मुंबई से चली श्रमिक एक्सप्रेस का स्टेशन तय न होने से बीच में अटकी, यात्रियों का घंटों हंगामा

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श्रमिक ट्रेनों के ठहराव स्टेशन को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बन रही है। मुंबई के पालीवाल से शुक्रवार को जौनपुर के लिए चली ट्रेन को बीच रास्ते में अचानक पं. दीनदयाल उपाध्याय स्टेशन (पीडीडीयू) ले जाने का निर्णय हुआ। जब ट्रेन व्यास नगर पहुंची तो इसे काशी स्टेशन लाया गया और यहां से जौनपुर भेजने की तैयारी होने लगी। जौनपुर को यह सूचना मिली तो उसने ट्रेन को लेने से इनकार कर दिया। जब यात्रियों को इसकी जानकारी हुई तो आक्रोशित होकर उन्होंने काशी स्टेशन पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। करीब पांच घंटे बाद शाम 5:30 बजे ट्रेन का इंजन आगे से पीछे लगाकर पीडीडीयू नगर (मुगलसराय) रवाना किया गया। लेकिन ट्रेन व्यासनगर पहुंचकर फिर से रोक दी गई। रात आठ बजे तक ट्रेन को लेकर फैसला नहीं हो सका था।

श्रमिक स्पेशल ट्रेन 01920 मुंबई के निकट पालीवाल से जौनपुर के लिए यात्रियों को लेकर चली। ट्रेन जब वहां से चली तभी जौनपुर जिला प्रशासन ने वहां के स्टेशन पर ट्रेन लेने से मना कर दिया। अधिक ट्रेन व कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए ट्रेन को पीडीडीयू जंक्शन भेजकर वहां से बसों से यात्रियों को भेजने की अपील की। इसके बाद इस ट्रेन को पीडीडीयू भेजा जाना था। जब ट्रेन दोपहर करीब एक बजे जीवनाथपुर स्टेशन के पास पहुंची तो इसे पीडीडीयू न भेजकर काशी के लिए रवाना कर दिया गया।

व्यासनगर से जब ट्रेन पीडीडीयू नगर की ओर न भेजकर काशी की ओर मोड़ दी गई तो आरपीएफ और स्टेशन अधीक्षक में नोकझोंक भी हो गई। ट्रेन डेढ़ बजे काशी स्टेशन पहुंचकर खड़ी हो गई। इस दौरान ट्रेन के भीतर गर्मी में यात्री परेशान रहे। करीब पांच बजे तक ट्रेन नहीं चली तो यात्रियों का सब्र टूट गया। बाहर निकलकर एक मालगाड़ी के सामने प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्टेशन अधीक्षक केके सिंह, जीआरपी चौकी प्रभारी हरिकेश राय फोर्स के साथ पहुंचे। यात्रियों को समझा-बुझाकर रेलवे कंट्रोल से बात कर गाड़ी यहां से आगे बढ़ाने की बात कही। इसके बाद ट्रेन का इंजन निकालकर पीछे की ओर लगाया गया। ट्रेन 5:30 बजे पीडीडीयू के लिए रवाना की गई लेकिन व्यास नगर में आकर रुक गई। रात आठ बजे तक गाड़ी व्यासनगर में ही फंसी रही।

इस बारे में एडीआरएम रविप्रकाश चतुर्वेदी का कहना है कि ट्रेन जौनपुर जानी थी। ट्रेन जब व्यासनगर से आगे निकल चुकी थी, तब जौनपुर में इसे लेने से इनकार कर दिया गया। इसके बाद इसे पीडीडीयू भेजा गया। इसकारण देरी हुई। हालांकि अगर कोई लापरवाही हुई है तो उसकी भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।