नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक प्रदर्शन के दौरान सेना की कार्रवाई में मारे गए दो नागरिक की मौत के मामले दर्ज की गई एफआईआर पर विधानसभा में बयान दिया है. मुफ्ती ने हत्या की धाराओं में केस दर्ज करने के सरकार के फैसले का बचाव किया. शोपियां की इस घटना के बाद सेना के एक मेजर और कुछ सैनिकों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की गई है. महबूबा ने कहा कि दोषी के खिलाफ कार्रवाई से सेना के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ेगा. साथ ही महबूबा ने कहा कि वह इस मामले को किसी नतीजे तक ले जाएंगी.
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सेना के खिलाफ एफआईआर रक्षामंत्री से बात करने के बाद दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि मौत के बाद रक्षामंत्री से बात की गई थी, जिसमें वह काफी पॉजिटिव नजर आईं. मुफ्ती ने बताया कि रक्षामंत्री ने कहा कि एक्शन लिया जाना चाहिए अगर गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाया गया है या फिर कुछ गलत हुआ है. इसी के बाद एफआईआर दर्ज की गई और मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए.
बता दें कि बीजेपी ने मांग की थी कि मेजर के खिलाफ दर्ज नामजद शिकायत को वापस लिया जाए और बिना नाम के नई एफआईआर दर्ज की जाए. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने शोपियां जिले के गनोवपुरा गांव से गुजर रहे सुरक्षा बलों के एक काफिले पर पथराव किया. जवानों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए हवा में कथित तौर पर कई राउंड गोलियां भी चलायीं जिसमें कुछ लोग घायल हो गए.
हालांकि, एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि जवानों ने तब गोलियां चलायीं जब भीड़ ने एक जूनियर कमीशंड अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या करने की कोशिश की और उनका हथियार छीन लिया. घायलों में जावेद अहमद भट और सुहैल जावेद लोन की बाद में मौत हो गयी. सेना का कहना है कि उन्होंने आत्मरक्षा में फ़ायरिंग की, जिसमें 20 साल के जावेद और 24 साल के सुहैल की मौत हो गई.