दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने जीबी रोड के कोठों में रहने वाली यौनकर्मियों को राशन और दवा मुहैया कराने के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। करीब 98 कोठों में 1200 से ज्यादा की संख्या में यौनकर्मी रहती हैं। लॉकडाउन के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
डीसीपीसीआर सदस्य रूप सुदेश विमल ने बताया कि ऐसी जानकारी सामने आई है कि यहां रहने वाली यौनकर्मियों को राशन और दवा को लेकर काफी दिक्कत हो रही है। सोमवार से जिलाधिकारी के सहयोग से उन्हें मदद पहुंचाई जाएगी। आयोग उनकी परेशानियों को दूर करने का हर संभव प्रयास करेगा। उनकी सुविधा के लिए इलाके में सरकार द्वारा हंगर सेंटर भी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि वहां जाने को लेकर उनके मन में झिझक है। उन्हें आशंका है कि लोग छींटाकशी करेंगे। इसको ध्यान में रखते हुए कोठों में ही राशन और दवा मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है। यहां पर कुल 98 कोठे हैं, जिनमें करीब 1200-1500 यौनकर्मी रहती हैं
सेनेटरी पेड भी बांट रहे
डीसीपीसीआर सदस्य रूप सुदेश विमल ने बताया कि आयोग की तरफ से नरेला, बवाना सहित दिल्ली के दूसरे इलाकों में रहने वाले मजदूर वर्ग के घरों में सेनेटरी पैड भी बांट रहा है। काम-धंधा बंद होने की वजह से मजदूरों की आय प्रभावित हुई है। उसके मद्देनजर सेनेटरी पेड बांटने का कार्य किया जा रहा है।