शिक्षक बनने का सपना देखने वाले प्रदेश के उन युवाओं के लिए राहत की खबर है, जो इसके लिए वर्तमान में निर्धारित आयु सीमा पूरी कर चुके हैं। उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। कैबिनेट में इसके प्रस्ताव के बाद शासन में इस पर काम शुरू हो गया है। नियमावली संशोधन से हिंदी प्रवक्ता पद के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से शास्त्री परीक्षा की अनिवार्यता भी खत्म होगी। जल्द ही संशोधित नियमावली जारी हो जाएगी।
शिक्षा विभाग की ओर से सहायक अध्यापक एलटी और प्रवक्ता के लिए सेवा नियमावली को संशोधित किया जा रहा है। प्रवक्ता सेवा नियमावली में अधिमानी अर्हता के लिए अब नेशनल कैडेट कोर के सी प्रमाण पत्र को भी शामिल किया गया है। जबकि इससे पूर्व एनसीसी के केवल बी प्रमाण पत्र को ही शामिल किया गया था।
वहीं प्रवक्ता पद के लिए अधिकतम आयु सीमा को 35 वर्ष से बढ़ाकर अब 42 वर्ष किया जा रहा है। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित और सीधी भर्ती की रिक्तियों की संख्या को विभाग की ओर से आयोग को भेजा जाएगा।
वही हिंदी प्रवक्ता पद के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की शास्त्री परीक्षा की अनिवार्यता को खत्म किया जा रहा है। अब देश में विधि द्वारा स्थापित किसी भी विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय के साथ स्नातक या विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से शास्त्री की उपाधि वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे।
इसके अलावा चिन्हित श्रेणियों में दिव्यांगों को नियमानुसार नियुक्ति देने से मना नहीं किया जाएगा। संयुक्त सचिव, शिक्षा कविंद्र सिंह के मुताबिक, सहायक अध्यापक एलटी और प्रवक्ता सेवा नियमावली को संशोधित किया जा रहा है।