संत फलहारी बाबा के 32वें पुण्यतिथि पर कबीर विचार एक दिवसीय प्रवचन एवं सतसंग सह भंडारा का आयोजन

1014

मनुष्य जीवन बहुत कठिनता के पश्चात मिलता है इसलिए मनुष्य को अपने जीवन मे भक्ति करना बहुत जरूरी है।

बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र के ब्रह्ममोतरा ग्राम में स्व संत फलहारी बाबा के 32वें पुण्यतिथि पर कबीर विचार एक दिवसीय प्रवचन एवं सतसंग सह भंडारा का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का उद्दघाटन प्रवचन कर्ता समस्तीपुर रोसरा कुट्टी के महंत आचार्य विद्यानंद शास्त्री व महंत स्वरूपानंद साहेब एवं महंत डॉ सत्यप्रकाश साहेब ने फलाहारी बाबा के तैल्य चित्रों पर माल्यार्पण,कबीर के बंदगी एवं आरती के साथ किया।संतो को संबोधित करते हुए आचार्य विद्यानंद शास्त्री ने कहा की फलाहारी साहेब एक अदुतीय संत थे।उन्होंने कहा कि समाज से नीच उच का भेदभाव खत्म कर एक समरस समाज बनाने की सोच फलाहारी साहेब में थी।उनके आदर्श पर चलकर ही मानव का कल्याण कर सकते हैं। उन्होंने अपने अनुयायियों से कहा कि मनुष्य जीवन बहुत कठिनता के पश्चात मिलता है।इसलिए मनुष्य को अपने जीवन मे भक्ति करना बहुत जरूरी है।उन्होंने कहा कि कबीर के उपदेशों को अपनाकर ही मनुष्य के कुविचारों को खत्म कर सकते है।इसके लिए पहले अपने आप में सुधार करने की आवश्यकता उन्होंने बताई।आयोजित इस कार्यक्रम में ज़िले के नूरचक,जफरा,तेघरा, ककोरवा,चंद्रसेनपुर, सहित कई गांवों के संतो ने भाग लिया।कार्यक्रम में डॉ सत्यप्रकाश साहेब,सोभित यादव, सूर्यनारायण यादव,बालबोध साहेब,महेन्द्र साहेब,कामेश्वर साहेब,लखन दास, सुशील यादव,विजय यादव,संजय यादव सहित सैकड़ों की संख्या में साधु महात्मा मौजूद थे।