नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। ‘सरजी’ AAPसे ‘विश्वास’ दरक रहा है। AAPने करीब 2 साल पहले प्रचंड बहुमत से दिल्ली फतह की थी। लेकिन अब तो दिल्ली की जनता को भी AAPमें विश्वास नहीं रहा। विधानसभा चुनाव में 70 में से 67 सीट जीतने वाली पार्टी की राजौरी गार्डन उपचुनाव में जमानत तक जब्त हो गई। फिर एमसीडी चुनाव से पहले बहुमत मिलने के तमाम दावे करने वाली इसी पार्टी को दिल्ली की जनता ने तीनों नगर निगमों में मिलाकर सिर्फ 48 सीटें दीं। AAPसे जनता का विश्वास डगमगाया को अपने घर का ‘विश्वास’ भी दरकने को है।
पार्टी में जारी तनातनी मंगलवार 2 मई को उस समय और बढ़ गई जब वरिष्ठ पार्टी नेता और कवि कुमार विश्वास ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आसपास की मंडली द्वारा उन पर हमलों को लेकर पार्टी छोड़ने की धमकी दी. मतलब कुमार विश्वास का भी केजरीवाल की ‘मंडली’ से विश्वास दरक गया है।
हालांकि कुमार विश्वास को शांत करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को लगाया गया है। यही नहीं केजरीवाल स्वयं भी उन्हें मनाने की हर कोशिश कर रहे हैं। इससे पहले ओखला से AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ने का कुमार विश्वास पर से ‘विश्वास’ दरका। उन्होंने विश्वास पर गंभीर आरोप लगाते हुए सोमवार को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति से इस्तीफा दे दिया था.
सारा झगड़ा ‘अहम’ का है
इस मुद्दे पर जागरण डॉट कॉम ने बीजेपी नेता शाजिया इल्मी से बात की। शाजिया ने कहा, असल में यह अहम की लड़ाई है। आम आदमी पार्टी में अहम को लेकर अक्सर लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। कुमार विश्वास को पार्टी में अपनी अहमियत कम होती दिख रही है, इसलिए उनका ‘विश्वास’ पार्टी पर से दरकता दिख रहा है। लेकिन अब तो सबकुछ ठीक करने की कोशिशें चल रही हैं। असल में कुमार विश्वास पार्टी में उतनी ही अहमियत चाहते हैं, जितनी मनीष सिसोदिया को मिलती है।