सुप्रीम कोर्ट 7 दिनों के होली ब्रेक में अरजेंट मामलों को सुनने के लिए वेकेशन बेंच बनाएगा। मु्ख्य न्यायधीश एसए बोबड़े की बेंच ने कहा कि होली के एक सप्ताह के ब्रेक में एक वेकेशन बेंच बैठेगी, होली के दिन को छोड़कर पूरे सप्ताह ये बेंच काम करेगी। अब तक वेकेशन बेंच केवल गर्मियों की छुट्टियों में ही बैठती थी। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा नागरिकता कानून की संवैधानिक वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह बात कही।
Chief Justice of India SA Bobde says, during the week-long Holi break, there will a vacation bench. CJI says "It won't be on the day of Holi but during the week." Till now, the vacation bench sat only during the summer vacation break of the court. (file pic) pic.twitter.com/WUYmqJU8tQ
— ANI (@ANI) March 5, 2020
Chief Justice of India SA Bobde asks Kapil Sibal to mention the matter again after Holi break of the court. https://t.co/sxrxxmpOjF
— ANI (@ANI) March 5, 2020
गौरतलब है कि वकील कपिल सिब्बल ने नागरिकता संशोधन कानून की संवाधानिक वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई अरजेंट लिस्ट उल्लेख किया था। एजी केके वेणुगोपाल ने भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की खंडपीठ को बताया कि केंद्र इसपर 2 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करेगा। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कपिल सिब्बल से कहा कि होली ब्रेक के बाद इस मामले का फिर से उल्लेख करें। बता दें कि ये इतिहास में पहली बार है जब सुप्रीम कोर्ट होली के ब्रेक (9 मार्च से 15 मार्च) में वेकेशन बेंच बनाकर काम करेगा।
सबरीमला मामले में दलीलें पूरी होने के बाद CAA संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई करेंगे : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि वह सबरीमला मामले में दलीलें पूरी होने के बाद संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश एस.ए.बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के सीएए मामलों पर तत्काल सुनवाई किए जाने का अनुरोध करने के बाद यह टिप्पणी की। न्यायालय ने कहा कि अब तक केंद्र ने मामले में कोई जवाब दाखिल नहीं किया है।
अटॉर्नी जनरल के.के.वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि केंद्र कुछ दिनों में जवाब दाखिल करेगा। पीठ में न्यायमूर्ति बी. आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल रहे। नौ सदस्यीय पीठ सबरीमला मंदिर और मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश तथा दाऊदी बोहरा समुदाय में महिलाओं के खतने की प्रथा समेत विभिन्न धार्मिक मामलों पर विचार कर रही है।