हत्या के मामले में फंसा था छात्र, गूगल ने बचाई जान

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यूपी में गूगल की वजह से कोर्ट ने हत्या के आरोप में फंसे एक छात्र को बरी कर दिया. पुलिस ने बीते वर्ष छात्र को एक बच्चे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था. हालांकि, कोर्ट का फैसला आने से पहले ही वकील ने गूगल की एक रिपोर्ट पेश की, जिसके अनुसार आरोपी छात्र हत्या के समय ऑनलाइन काम कर रहा था.

मामला कानपुर जिले का है. बीती 20 अगस्त 2016 को पुलिस ने एक 11 वर्षीय बच्चे का शव बरामद किया था. पुलिस ने जांच करते हुए इस मामले में कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र जय प्रताप को गिरफ्तार किया था. जय के पिता एयरफोर्स में कार्यरत हैं. जय ने उस समय अपने बचाव में कहा था कि घटना के समय वह एनिमेशन डिजाइन पर ऑनलाइन काम कर रहा था.

जय के परिजनों ने घटना के समय की लोकेशन, वर्किंग टाइम और उन वेबसाइट्स की जानकारी जुटाई, जिन पर उसने विजिट किया था. साथ में जय की ऑनलाइन हिस्ट्री भी जुटाई गई और उसे बचाव के तौर पर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में पेश हुई गूगल की रिपोर्ट के अनुसार, जय का आईपी अड्रेस शाम 4 बजे से लेकर 11 बजे तक इस्तेमाल हुआ था.

वहीं पुलिस ने बताया था कि हत्या शाम 6 बजे के करीब हुई थी. इसके साथ ही पुलिस ने जय को 26 अगस्त को गिरफ्तार किया, जबकि गिरफ्तारी 30 अगस्त को दिखाई गई. सरकारी वकील ने जो सबूत कोर्ट में पेश किए वो पुलिस के दावों से मेल नहीं खा रहे थे और गूगल की रिपोर्ट के हिसाब से भी घटना के समय जय घटनास्थल पर मौजूद नहीं था.

बीते गुरुवार को कोर्ट ने जय को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध है. इसके साथ ही जिला जज ने डीजीपी को पत्र लिखकर इस हत्या के जांच अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.