ईवीएम मशीन को सही ठहराने वाले कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली के बयान पर पार्टी महासचिव गुलाम नबी आजाद ने चुटकी ली। आजाद ने कहा कि जरूरी नहीं कि पार्टी हर फैसले में हर व्यक्ति को शामिल करे। उन्होंने मोइली का नाम लिए बिना कहा कि जिनका आप नाम ले रहे हैं वे राष्ट्रपति से मिलने गए प्रतिनिधिमंडल में भी शामिल थे। जिस ज्ञापन में ईवीएम को लेकर आपत्ति उठाई गई है उसमें उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं और दो बार ड्राफ्ट को पढ़ा भी।
दरअसल वीरप्पा मोइली ने सुबह संसद परिसर में मीडिया में ईवीएम मशीन को अच्छा बताया था। उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर पार्टी में न तो चर्चा हुई और न ही कोई फैसला लिया गया है। उन्होंने यहां तक कहा कि हार की हताशा के चलते पार्टी के कुछ लोग ईवीएम को गलत ठहरा रहे हें।
शाम को जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राष्ट्रपति से मिलकर लौटे और ईवीएम पर मोइली के बयान पर पूछा तो आजाद ने कहा कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है पार्टी की नहीं। जरूरी नहीं कि पार्टी का हर फैसला लेते समय हर आदमी को बुलाया जाए।
आजाद ने बताया कि ईवीएम को लेकर 15-16 राजनीतिक दलों का प्रतिनिधि मंडल पिछले दिनों चुनाव आयोग से मिला था। आयोग ने आम आदमी पार्टी की तरह हमें खारिज नहीं किया। हमने उन्हें गड़बड़ी से संबंधित ठोस सबूत मुहैया कराए हैं। लिहाजा आयोग ने नहीं कहा कि आप लोग गलत हैं। बल्कि जांच कराने और ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने को कहा है। हम तो लगातार कह रहे हैं कि कैसे इसे सुधारा जाए क्या सिस्टम बने ताकि मतदाता को पता हो सके कि उसने जिसे वोट दिया है वो उसी के खाते में जुड़ा है। ऐसा न हो कि लोगों का लोकतंत्र से विश्वास उठ जाए।